देश जवाब मांग रहा है, प्रधान मंत्री जी को सदन में आकर जवाब देना चाहिए — पी.एल. पुनिया

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राज्यसभा सांसद श्री पी.एल. पुनिया ने आज दिनांक 19.09.2020 को संसद में महामारी (संशोधन) विधेयक, 2020 पर चर्चा करते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में 24 घंटे काम करने वाले लोगों को मनोबल बढाने के लिए उन्हें अतिरिक्त वेतन तथा ओवर-टाइम दिया जाना चाहिए था लेकिन उल्टे उनके वेतन से महंगाई भत्ते की कटौती कर ली गई, हर महीने एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिए गए। दिल्ली में अनेक अस्पतालों में तीन महीने तक वेतन ही नहीं मिला।
श्री पुनिया ने कहा कि IMA की रिपोर्ट के अनुसार 382 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हुई है। सरकार का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है इसलिए उन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई। इस तरह की उपेक्षा करने से कैसे मनोबल बढाने का काम करेंगे? बिल में कोरोना वॉरियर्स को हानि पहुंचाने पर जेल की सजा के अलावा जुर्माने का तथा सम्पत्ति के नुकसान के लिए दोगुना मुआवजा देने का भी प्रावधान किया गया है तो कोरोना वरियर्स की मृत्यु पर आर्थिक सहायता क्यों नहीं दी जा रही?
बिना सोंचे-समझे Lockdown लागू कर दिया गया। Lockdown में उद्योग-व्यवसाय बंद होने पर मजदूर कहां इस पर भी विचार नहीं किया। चिकित्सा मंत्री जी ने कहा था कि CMs से 15 बार Video Conferencing की। हम पूछ रहे हैं कि Lockdown लागू करने से पहले क्यों नहीं चर्चा की? सभी राजनैतिक दलों से क्यों नहीं चर्चा की?
श्री पुनिया ने कहा कि सरकार को संकट का सामना करने के लिए पूर्व चेतावनी नहीं मिली थी। लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। 30 जनवरी को पहला Case सामने आया, कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने 12 फरवरी को सरकार को चेताया कि स्थिति भयावह होने जा रही है, अर्थव्यवसथा पर भी गम्भीर संकट है, लेकिन सरकार ने कहा कोई चिंता की बात नहीं है।
श्री पुनिया ने कहा कि कोरोना से सीधी लडाई राज्य सरकारों के माध्यम से लडी जा रही है। राज्यों का GST का बकाया है, लेकिन केन्द्र सरकार राज्यों को पैसा नहीं दे रही है। कोरोना संकट के लिए राज्यों की मांग को पूरा किया जाना चाहिए।
श्री पुनिया ने कहा कि देश जवाब मांग रहा है, प्रधान मंत्री जी को सदन में आकर जवाब देना चाहिए।

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