नक्सल मोर्चे पर सरकार की कोई कारगर नीति नहीं – बृजमोहन अग्रवाल

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बस्तर में निरीह आदिवासी जनता के हत्या के दोषी है ,छत्तीसगढ़ सरकार

कांग्रेस सरकार आते ही नक्सली हावी हो गए है

बस्तर की जनता को नक्सलियों के भरोसे छोड़ दिया है सरकार ने

 

 

रायपुर/25 सितंबर 2020 –– भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर नक्सली मोर्चे पर पूरी तरह असफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार आदिवासी जनता की रक्षा करने में पूरी तरह असफल रही है। पूरे प्रदेश में जब नक्सलवाद चरम में था तब भी बस्तर की आदिवासी जनता की इतनी बड़ी संख्या में हत्या नहीं हुई जो अब हो रही है। नक्सल मोर्चे को लेकर इस सरकार की कोई नीति नहीं है। सरकार को दो साल होने को है और यह तय नहीं कर पाई है कि उन्हें नक्सली मोर्चे पर मैदान में लड़ाई लड़नी है या बातचीत करनी है। सरकार के नक्सल मोर्चे पर कोई योजना नहीं होने व इसी नकारा रवैये के चलते ही पूरे बस्तर में नक्सली एक बार फिर सक्रिय हो गए है व अब बस्तर के निरीह आदिवासीजनता की लगातार हत्या कर रहे हैं। पिछले 6 माह में ही 75 से अधिक आदिवासी ग्रामीणों की हत्या नक्सलियों द्वारा की गई है। कांग्रेस की सरकार आते ही नक्सली प्रदेश में हावी हो गए हैं।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते पूरे बस्तर में नक्सलियों ने आतंक व दहशत का साम्राज्य स्थापित कर लिया है। ग्रामीणों की लगातार हत्या हो रही है। अकेले बीजापुर जिले में इसी महीने 15 से अधिक आम लोगों की नक्सलियों ने हत्या कर दी है और यही स्थिति बस्तर के अन्य जिले में है। रोज नक्सली चुन चुन कर ग्रामीणों की शासकीय कर्मचारियों की हत्या कर जनता के मन में भय व दहशत का राज कायम कर रहे हैं।सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है । सरकार निरीह आदिवासियों की जान बचा पाने में पूरी तरह असफल है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पहले दिन से ही अपने बयानों में यह स्पष्ट कर दिया था कि वे नक्सली साफ करने व लड़ने नहीं बातचीत से हल निकालने के पक्षधर है , सरकार का नक्सलियों के प्रति साफ्ट रवैय्या रहा है , और नक्सली इसी को देखकर समझ गए कि सरकार ने तो लड़ने से पहले ही उनके सामने सलेण्डर करने की नीति पर है। नक्सली बस्तर के गांवोें में जहां आम जनता की व शासकीय कर्मचारी की खुलेआम हत्या कर रहे है। वहीं बस्तर से बाहर धमतरी, गरियाबंद, कवर्धा, राजनांदगांव के अंदरूनी इलाकों, जहां उनके पैर उखड़ गए थे। बल्कि पूरी तरह इनका सफाया हो गया था अब वहां पर भी फिर अपनी सक्रियता लगातार बढा रहे हैं।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि बस्तर में जेल में बंद आदिवासियों को छोड़ने कांग्रेस ने खूब हो हल्ला मचाया, आज उसको जेल से छोड़ने के बजाय प्रशासन गरीब आदिवासियों को प्रताड़ित कर जेल में डाल रही है । और इसको लेकर पूरे बस्तर में जगह-जगह पुलिस प्रशासन व सरकार के खिलाफ आदिवासी रैली निकालकर जंगी प्रदर्शन भी कर रहे हैं। आदिवासी जनता एक तरफ सरकार से प्रताड़ित हो रही है वहीं दूसरी ओर नक्सली उनकी हत्या कर रहे हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि जेलों में बंद निरअपराध आदिवासियों को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए व नक्सली के दबाव में शासन प्रशासन को रहने के बजाय नक्सल विरोधी कठोर निर्णय लेते हुए नक्सली उन्मूलन के दिशा में कार्य करें व नक्सलियों को छत्तीसगढ़ छोड़ने दबाव में रखे। बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ आम जनता में जो माहौल तैयार हुआ था उसे पुर्नःजिवित करते हुए नक्सली गतिविधियों पर रोक लगावे।

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