पत्रकारों को कांग्रेस के गुर्गे हिंसक हमले करके चुप कराने की कोशिश कर रहे — साय

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भाजपा का सवाल : पुरानी घटनाओं का ज़िक्र कर बघेल क्या कांकेर की घटना को जस्टीफाई करने और पत्रकारों को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं?

इंटक से संबंध से इंकार कर बघेल सच का सामना करने से कतरा रहे, कल को सोनिया जी की कांग्रेस से सम्बंध से इनकार कर देंगे : साय

प्रियंका वाड्रा के ‘मौन’ पर भी सवाल!

 

 

रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कांकेर में पत्रकारों के साथ की गई मारपीट के मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस बयान को घोर आपत्तिजनक माना है, जिसमें मुख्यमंत्री ने यह कहकर पत्रकारों को चुप कराने की शर्मनाक कोशिश की कि ‘आज पत्रकार कम-से-कम ताल ठोककर कह तो रहे हैं कि भूपेश हम आ रहे हैं। यही प्रजातंत्र है।’ श्री साय ने कहा कि आत्ममुग्ध सीएम ऐसा जताना चाह रहे मानो पत्रकारों से भेंट कर मानो अहसान कर दिया। श्री साय ने कहा कि पुरानी घटनाओं को लेकर प्रलाप कर रहे मुख्यमंत्री बघेल हाल की काँकेर की घटना को क्या जस्टीफाई करने और छिपे तौर पर पत्रकारों को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं? अभिव्यक्ति की आज़ादी का झंडा लेकर देशभर में हंगामा मचाने वाली कांग्रेस के मुख्यमंत्री का यह बयान नितांत ग़ैर ज़िम्मेदाराना है और अभिव्यक्ति को कुचलने की कांग्रेसी फ़ितरत का निंदनीय प्रदर्शन है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है, चहुँओर माफिया ग़िरोह उग आए हैं और वे बात-बेबात प्रदेश के जागरूक जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, सभ्य व अमन-पसंद क़ानून-व्यवस्था में विश्वास रखने वालों पर जानलेवा हमला करके भय, हिंसा और आतंक का राज चला रहे हैं और शासन-प्रशासन प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा के सिर्फ़ हवा-हवाई दावे करके इन माफिया ग़िरोहों को संरक्षण देकर क़ानून के राज पर लोगों के भरोसे को तोड़ने में लगे हैं। श्री साय ने कहा कि यह प्रदेश सरकार क़ानून-व्यवस्था को चुनौती देते माफियाओं की संरक्षक हो गई है। श्री साय ने कहा कि काँकेर में पत्रकार के साथ हुई हिंसक वारदात इस सरकार के कार्यकाल की कोई पहली वारदात नहीं है। कांग्रेस के लोग इसी तरह हिंसा करके असहमति को कुचलने का आपराधिक कृत्य करने में ज़रा भी नहीं हिचकिचा रहे हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने काँकेर मामले में तत्काल कड़ी कार्रवाई करके दोषियों को उनके अंजाम तक पहुँचाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल यह कहकर इस मामले की ज़िम्मेदारी से क़तई पल्ला नहीं झाड़ सकते कि इंटक का कांग्रेस से कोई सीधा संबंध नहीं है। ऐसा कहकर क्या मुख्यमंत्री बघेल सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस को भी अलग-अलग खाँचों में देखने और बताने की कोशिश कर रहे हैं? श्री साय ने कहा कि इंटक को कांग्रेस से संबद्ध संगठन मानने से इंकार कर मुख्यमंत्री सच का सामना करने से कतरा रहे हैं और इस मुद्दे पर भी प्रदेश को भरमाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। श्री साय ने मुख्यमंत्री बघेल के बयानों के परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को आगाह करते हुए इस बात पर तीखा कटाक्ष किया है कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व दमन-उत्पीड़न को लेकर राजनीतिक पूर्वाग्रहों का परिचय दे रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य मामलों में ट्वीट करने में मुस्तैदी दिखातीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा ने काँकेर में एक पत्रकार की बेरहमी से हुई पिटाई की घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद तक एक ट्वीट तक करना ज़रूरी नहीं समझा क्योंकि यह कांग्रेस शासित राज्य का मामला है!

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