कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक से पूछा की क्या अब की बार धान बेचने हरियाणा जाएंगे? – धनंजय सिंह
रायपुर/ 1 अक्टूबर 2020 — मोदी सरकार के किसान विरोधी बिल को किसानों के उपज बेचने की आजादी बता रहे भाजपा नेताओं पर कांग्रेस ने तंज कसा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से पूछा क्या अब की बार धान बेचने के लिए हरियाणा जाएंगे? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों को धान की कीमत 2500 रुपया प्रति क्विंटल दे रही है हो सकता है हरियाणा की सरकार रमन सिंह और धरमलाल कौशिक को धान की कीमत 2500रु से ज्यादा दे?जबकि भाजपा शासित राज्य हरियाणा के मुख्यमंत्री ने राज्य के बाहर के किसानों के फसल को खरीदने से मना कर दिया है और मात्र राज्य के ही किसानों के फसल को खरीदने की घोषणा किया है? ऐसे में जब भाजपा के मुख्यमंत्री ही मोदी सरकार के कृषि बिल के खिलाफ खड़े हैं तो फिर रमन सिंह और धरमलाल कौशिक कैसे इस बिल को किसानों की आजादी ठहरा रहे हैं?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 2016 में मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था जो अब तक कहीं भी नजर नहीं आ रही है और स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का वादा किया गया थ।अब स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के बजाय मोदी सरकार शांताराम कमेटी की सिफारिश को लागू कर रही है और किसानों के फसल को खरीदने के बजाय किसानों को बाजार पर निर्भर कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और धरमलाल कौशिक छत्तीसगढ़ के 40 लाख किसानों को बताएं कि मोदी सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेश में किस बिल में किस कालम में उपज का समर्थन मूल्य का उल्लेख किया गया है। बिल में कहा गया हो कि धान,दलहन तिहलन, गेंहू,मक्का,सहित अन्य उपज का समर्थन मूल्य इतना होगा इससे नीचे कोई खरीद नही सकता।समर्थन मूल्य से नीचे की खरीदी पर कानूनी कार्यवाही होगी?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता मोदी सरकार के काले कानून का समर्थन करने के लिए छत्तीसगढ़ के किसानों को गुमराह करना बंद करें 15 साल तक रमन भाजपा शासनकाल में किसानों की जो दुर्दशा हुई थी बीते 6 साल में मोदी सरकार ने किसानों के साथ वही व्यवहार को किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान शुरू हुई कृषि क्षेत्रो को पूंजीपतियों के गुलाम बनाने की षड्यंत्र को अब मोदी सरकार आगे बढ़ा रही है।