जेएसपीएल बनी भारतीय रेलवे की नियमित रेल सप्लायर..  पहली निजी कंपनी जे एस पी एल, जिसे ये दर्जा मिला ।

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आरडीएसओ ने दिया दर्जा

यूआईसी-60 किलोग्राम, 880 ग्रेड प्राइम (क्लास-ए) रेल की फील्ड परफॉर्मेंस को मंजूरी

जेएसपीएल की 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल को आरडीएसओ पहले ही दे चुका है मंजूरी

75 टन के वैगन का भार भी सह सकती है 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल, मेट्रो में भी इस्तेमाल

रायपुर, 1अक्टूबर 2020  –  जाने-माने उद्योगपति नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। भारतीय रेलवे ने जेएसपीएल को अपनी चालू और भावी परियोजनाओं के लिए नियमित रेल सप्लायर का दर्जा प्रदान किया है। इसके साथ ही जेएसपीएल देश की पहली निजी कंपनी बन गई, जिसे भारतीय रेलवे की ओर से ये विशेष सम्मान प्राप्त हुआ है।

जेएसपीएल, रायपुर कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रेलवे बोर्ड के अधीन कार्यरत अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने यूआईसी-60 किलोग्राम, 880 ग्रेड प्राइम (क्लास-ए) रेल की फील्ड परफॉर्मेंस को मंजूरी दी है। आरडीएसओ ने जेएसपीएल के रायगढ़ प्लांट में तैयार उपरोक्त रेल को उपयुक्त माना है। आरडीएसओ की मंजूरी जेएसपीएल रेल मिल की शानदार सफलता मानी जाएगी क्योंकि उसके मूल्यांकन की गुणवत्ता और सुरक्षा मानक बहुत सख्त हैं। दुनिया के कई रेल निर्माता आरडीएसओ द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानदंडों को पूरा नहीं कर पाते हैं।

880 ग्रेड प्राइम (क्लास-ए) रेल के अलावा, जेएसपीएल देश में अनेक मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल की आपूर्ति कर रही है, जिनमें कोलकाता मेट्रो रेल परियोजना और पुणे मेट्रो शामिल हैं। आरडीएसओ ने 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल को मंजूरी पहले ही दे दी है। जेएसपीएल रेल पर काफी काम कर रही है। उसने भारी वजन ढोने वाली 75 टन वैगन इकाइयों को ले जाने के लिए विशेष रेल, एसिम्मेट्रिक रेल, आर-260 और 1175 एचटी ग्रेड भी विकसित किए हैं।

जेएसपीएल फ्रांस को स्पेशल ग्रेड के रेल ब्लूम निर्यात करती है। आयातक कंपनी यूरोप की है और उसका नाम हायंज है। फ्रांस में अभूतपूर्व सफलता के बाद रायगढ़ में बनी जेएसपीएल की रेल को गुणवत्ता एवं सुरक्षा मानकों के लिहाज से पूरे यूरोप के लिए उपयुक्त माना गया है। जेएसपीएल ने बांग्लादेश, श्रीलंका और अफ्रीका के ग्राहकों को भी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों इरकॉन एवं एसटीसी के माध्यम से 2.5 लाख टन रेल का निर्यात किया है।

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