साय का सवाल : क़ानून-व्यवस्था को लेकर अदालत की दख़ल और टिप्पणी के बाद क्या प्रदेश सरकार को अब कोई शर्म महसूस होगी?
क़ानून-व्यवस्था के बिगड़ते हालात प्रदेश सरकार की लुंज-पुंज प्रशासनिक व्यवस्था और लचर कार्यप्रणाली का परिचायक : भाजपा
ऐसा कोई अपराध अब बाकी नहीं रहा जिसे अपराधियों ने अंजाम न दिया हो और नागरिक सुरक्षा के सरकारी ढोल की पोल न खोली हो
राजनीतिक संरक्षण के चलते प्रशासन का दबाव नहीं, छत्तीसगढ़ में अराजकता के रूप में सरकार ने एक नई आपदा को जन्म दिया है
रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था के दिनो-दिन बिगड़ते जा रहे हालात को लेकर प्रदेश सरकार लुंज-पुंज प्रशासनिक व्यवस्था और लचर कार्यप्रणाली पर जमकर निशाना साधा है। श्री साय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ-साथ गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू पर भी तीखा कटाक्ष किया कि लगातार बढ़ रही नक्सली हिंसा और तमाम तरह के अपराधों में इज़ाफ़े को अगर गृह मंत्री क़ानून-व्यवस्था का प्रश्न नहीं मानते हैं तो यह उनकी प्रशासनिक समझ पर सवालिया निसान लगाता है। श्री साय ने कहा कि अब तो मुख्यमंत्री बघेल और गृह मंत्री साहू को कोर्ट की टिप्पणी के बाद क़ानून-व्यवस्था का राज क़ायम करने के लिए संजीदा हो जाना चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि क़ानून-व्यवस्था को चुनौती देते आपराधिक तत्व जब राजधानी में ही लगातार अपराधों को अंजाम देकर बेख़ौफ़ घूम रहे हैं तो प्रदेश के अन्य ज़िलों और ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। राजधानी के टाटीबंध इलाके में एक वाहन-शोरूम में बुधवार को हुई तोड़फोड़ और मारपीट की घटना का जिक्र कर श्री साय ने कहा कि ऐसा कोई अपराध अब बाकी नहीं रहा जिसे अपराधियों ने अंजाम न दिया हो और नागरिक सुरक्षा के सरकारी ढोल की पोल न खोली हो। कांग्रेस की सत्ता आते ही तमाम तरह के माफिया गिरोह प्रदेशभर में एकाएक कुकुरमुत्तों की तरह उग आए हैं जो अपना समानांतर आतंकराज चलाने में लगे हैं और सत्तावादी राजनीतिक संरक्षण में फल-फूल रहे इन गिरोहों पर प्रशासन का कोई दबाव नहीं रह गया है। श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को प्रदेश सरकार ने अपराधगढ़ बनाकर अराजकता के रूप में एक नई आपदा को जन्म दिया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि आदिवासियों के नाम पर राजनीतिक नौटंकियाँ कर रही प्रदेश सरकार आदिवासी बहुल बस्तर व सरगुजा संभागों में नक्सली हिंसा और अपराधों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। श्री साय ने कहा कि एक तरफ नक्सली बस्तर में आदिवासियों, सरकारी अफ़सरों व कर्मचारियों की जान के दुश्मन बने बैठे हैं वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के शासनकाल में अपराधियों में क़ानून का ख़ौफ़ ख़त्म हो गया है। जशपुर ज़िले में एक 09 साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने की ताज़ी वारदात का जिक्र कर श्री साय ने हैरत जताई कि प्रदेश में एक के बाद एक बलात्कार की हो रही वारदातों के बाद नाबालिग बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं तक की अस्मत और जान साँसत में पड़ गई है। बलरामपुर ज़िले में पिछले 21 दिनों में दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म की 11 वारदातें सामने आना प्रदेश सरकार की कलंकपूर्ण कार्यप्रणाली का प्रमाण है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश के गृह मंत्री साहू को अराजकता का यह भयावह दौर क़ानून-व्यवस्था का मसला नहीं लगना हैरतभरा है। गृह मंत्री साहू बड़े आंदोलनों, चक्काजाम, प्रदर्शन को क़ानून-व्यवस्था का मसला मानते हैं, तो श्री साय ने याद दिलाया कि कोरोना संकट के इस काल में प्रदेश सरकार के नाकारापन के चलते किसानों, युवकों, शिक्षक अभ्यर्थियों, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों, सफाई कर्मियों, डॉक्टर्स के बड़े-बड़े आंदोलन हुए हैं। श्री साय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल और गृह मंत्री साहू का ध्यान बुधवार को की गई कोर्ट की उस टिप्पणी पर खींचा है जिसमें हत्या के एक मामले में राजधानी पुलिस की भूमिका पर तीखी टिप्पणी करके गृह सचिव को हत्या के इस मामले में पुलिस विवेचना अधिकारी और तत्कालीन थाना प्रभारी के विरुद्ध विभागीय जाँच कर जाँच प्रतिवेदन अदालत में पेश करने का आदेश दिया गया है। प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था को लेकर अदालत की दख़ल और टिप्पणी के बाद क्या प्रदेश सरकार को अब कोई शर्म महसूस होगी?