सरकार की गलत नीतियों के कारण लोकतंत्र खतरे में — सोनिया गांधी
नई दिल्ली –– कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए उस पर लोकतांत्रिक संगठनों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह संस्थाओं के माध्यम से विरोधियों की आवाज दबाने का काम कर रही है। गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार लोकतंत्र के स्तंभो पर हमले कर उनको विकृत करने में जुटी है और लोकतंत्र को मजबूत करने वाले प्रत्येक संस्थान का इस्तेमाल विपक्ष पर हमले के लिए किया जा रहा है।
सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र खतरे में आ गया है। देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में फंस गई है और सरकार इससे उबरने के प्रयास करने की बजाय लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर विरोधियों पर हमला कर रही है। बोलने की आजादी छीनी जा रही है और लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने वाले संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पूरे तंत्र को ही ध्वस्त कर दिया है। जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को डराने और धमकाने के लिए किया जा रहा है। सरकार का निशाना विपक्ष के नेता है और केन्द्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) तथा आईएनए जैसी जांच एजेंसियां प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री के इशारे पर काम कर रही हैं।
सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से ही विपक्षी दलों के नेताओं को अपना दुश्मन मानते हुए उनको निशाने पर लेना शुरू कर दिया था। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए छात्रों को निशाना बनाया गया और उसके अलोकतांत्रिक कदमों की आलोचना करने के लिए प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा की नागरिक संशोधन विधेयक और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर -सीएए और एनआरसी के खिलाफ महिलाओं ने शांतिपूर्वक आंदोलन किया। शाहीन बाग से लेकर देश के अन्य हिस्सों में इसको लेकर जबरदस्त आंदोलन हुआ लेकिन उनकी बात सुनने की बजाय उन पर खुले आम हमले किए गए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार विरोधियों की बात सुनने की बजाय उन पर दमनकारी कारर्वाई करती है और इसी का परिणाम है कि उसने इन विरोध प्रदर्शनों को देश के खिलाफ साजिश बताते हुए 700 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कई लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि देश ने असंख्य बलिदानों और बड़े परिश्रम से लोकतंत्र हासिल किया है इसलिए संविधान में प्रदत्त व्यवस्थाओं का पालन करते हुए इसे संरक्षित किया जाना चाहिये।