भाजपा प्रवक्ता का तीखा कटाक्ष : मुख्यमंत्री की भाषा से साफ़ लग रहा है, वे अब खोई हुई ताक़त और ज़वानी के मर्ज़ों के माहिर हक़ीम भी हो गए हैं ।
बघेल मरवाही उपचुनाव में झूठ-फ़रेब के अपने उल्टे पड़े सियासी दाँव की खीझ में पद और भाषा की मर्यादा तक भूल बैठे : भाजपा
श्रीवास्तव का सवाल : विपक्ष में रहते हुए बघेल 01 नवम्बर से धान ख़रीदी की मांग क्या कांग्रेस को खोई हुई ताक़त और ज़वानी वापस दिलाने के लिए ही करते थे?
मुख्यमंत्री की हक़ीमी का यह फ़न मरवाही व 2023 में कांग्रेस की तयशुदा पराजय और बिहार में क़रारी हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व के बहुत काम आएगा
रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने धान ख़रीदी के मुद्दे पर भाजपा की मांग को लेकर बिहार रवानगी से पहले राजधानी के एयरपोर्ट पर कहे गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस कथन पर कि ‘खोई हुई ताक़त और ज़वानी पाने के लिए भाजपा ऐसी हरक़त कर रही है’, तीखा पलटवार कर कहा है कि मुख्यमंत्री बघेल मरवाही विधानसभा उपचुनाव में झूठ-फ़रेब के अपने उल्टे पड़े सियासी दाँव की खीझ में पद की गरिमा और भाषा की मर्यादा तक भूल बैठे हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के इस बयान से लगता है, मुख्यमंत्री अब इन मर्ज़ों के माहिर हक़ीम भी हो गए हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने तीखे अंदाज़ में कटाक्ष कर सवाल किया कि विपक्ष में रहते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर जब बघेल 01 नवम्बर से धान ख़रीदी की मांग करते थे तो क्या वे कांग्रेस को खोई हुई ताक़त और ज़वानी वापस दिलाने के लिए ही ऐसा करते थे? और, क्या बिहार में वेंटीलेटर पर पड़ी कांग्रेस को उसकी खोई हुई ताक़त और ज़वानी की दवाइयों का नुस्खा लेकर वे गाहे-बगाहे बिहार जा रहे हैं? श्री श्रीवास्तव ने कटाक्ष किया कि समय रहते मुख्यमंत्री ने हक़ीमी का यह फ़न सीखकर अच्छा किया, क्योंकि छत्तीसगढ़ में मरवाही विस उपचुनाव के नतीजे व 2023 में कांग्रेस की तयशुदा पराजय और बिहार के विस चुनाव में क़रारी हार के बाद ये नुस्खे कांग्रेस नेतृत्व के बहुत काम आएंगे। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि झूठ-फ़रेब की सियासी नौटंकियों के अपने तिलस्म के जाल में उलझे एक मुख्यमंत्री की अंतत: यही नियति होनी थी कि इस तरह की भाषा इस्तेमाल कर अपनी खिसियाहट भरी राजनीतिक कुंठा को वे व्यक्त करें।