राज्य में उद्योगों को सहयोग और संरक्षण देगी सरकार – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

0

 

उद्योगपतियों को विश्वास में लेकर हमने बनायी नई औद्योगिक नीति

छत्तीसगढ़ की अभिनव एवं क्रांतिकारी औद्योगिक नीति के लिए उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री का किया अभिनंदन

 

रायपुर, 11 नवम्बर 2020 —  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर के एक निजी होटल में छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित अपने अभिनंदन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में उद्योगों को हर संभव सहयोग एवं संरक्षण प्रदान करेगी। राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उद्योगपतियों के सलाह-मशविरा से नई औद्योगिक नीति तैयार की गई है, ताकि उद्योग स्थापना के लिए उद्योगपति को प्रोत्साहन मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपने उद्योगपतियों पर भरोसा किया है। सरकार की उदार औद्योगिक नीति के चलते उद्योगपतियों में विश्वास जगा है। यह राज्य के विकास के लिए एक शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की औद्योगिक नीति के चलते बड़ी संख्या में उद्योगपति यहां बस्तर अंचल से लेकर सरगुजा तक उद्योग लगाने के लिए तत्पर हैं। कोरोना संक्रमण काल के दौरान राज्य में नये उद्योगों की स्थापना के लिए लगभग 35 हजार करोड़ रूपए के पूंजी निवेश के लिए 50 एमओयू हुए हैं। मुख्यमंत्री के अभिनंदन समारोह में वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल, महापौर श्री एजाज ढेबर उपस्थित थे। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अनिल नचरानी, पूर्व अध्यक्ष श्री विजय झंवर सहित सर्वश्री रमेश अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, दीपक गुप्ता, कैलाश अग्रवाल, मनीष मंडल, वीरेन्द्र गोयल, आनंद चौधरी सहित एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री का आत्मीय अभिनंदन एवं स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार स्थानीय लोगों को चाहे वो किसान हों, मजदूर हो, व्यापारी हो, उद्योगपति हो, तेन्दूपत्ता या वनोपज के संग्राहक हो सभी को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए सभी वर्गों की भागीदारी जरूरी है। सभी लोगों की भागीदारी और प्रयास से ही विकास का चक्र घूमेगा। यह हमारा मानना है। नई औद्योगिक नीति से हमने उद्योग जगत को गतिमान करने का प्रयास किया है, ताकि इसका लाभ राज्य को मिले। उन्होंने कहा कि स्थानीय उद्योगपतियों को उद्योग स्थापना के लिए साधन-संसाधन मुहैया कराना और उनकी समस्याओं को दूर करना हमारी प्राथमिकता है। उद्योगों की स्थापना के लिए 60 प्रतिशत से लेकर डेढ़ सौ प्रतिशत तक की छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि कई उद्योगपतियों का यह मानना है कि ऐसी अनुकूल परिस्थिति और उदार औद्योगिक नीति के चलते भी यदि कोई इच्छुक उद्यमी अपना उद्योग न लगा पाए, तो वह कभी भी उद्योग नहीं लगा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपतियों को उद्योग स्थापना के लिए हर संभव सहयोग के निर्देश राज्य स्तर से लेकर जिले स्तर के अधिकारियों को दिए गए हैं, इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से राज्य के सभी अंचलों में वहां उपलब्ध नैसर्गिक संसाधनों के अनुरूप उद्योग की स्थापना का आव्हान किया, ताकि इसका लाभ राज्य के सभी क्षेत्र के लोगों को मिल सके। उन्होंने उद्योगपतियों को बड़े एवं मध्यम उद्योगों के साथ ही स्थानीय स्तर पर प्राप्त होने वाले लघु वनोपज के वैल्यूएडिशन के लिए प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना का भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय लोगों में औद्योगिक संस्थानों के प्रति विश्वास जगेगा और उन्हें इसका लाभ भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सबल हैं, शिक्षित हैं, सम्पन्न हैं, उनकी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह निर्बल, अशिक्षित, पिछड़े और कमजोर लोगों की मदद करें। सामाजिक सरोकार को बढ़ावा देकर हम राज्य के विकास के लिए बेहतर वातावरण का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वनों के संरक्षण के लिए वनांचल के ग्रामों में फलदार पौधों के रोपण की शुरूआत की है, ताकि इससे वनांचल में रहने वाले लोगों को लाभ हो। उन्होंने प्रदेश सरकार की गोधन न्याय योजना और उसके लाभ के बारे में भी उद्योगपतियों से अपने विचार साझा किए और उनसे गौठानों को गोद लेने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लगने वाले उद्योगों को आयरन, कोयला सहित अन्य खनिज शासन द्वारा उनकी जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा। परिस्थिति अनुसार इसमें छूट भी दी जाएगी। इसको लेकर उद्योगपतियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निरंतर संवाद और एक-दूसरे पर विश्वास से ही समस्या का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों को भूमि, पानी और बिजली की भी कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य में कृषि, उद्योग, व्यापार, व्यवसाय निरंतर आगे बढ़े, ताकि विकास की पूरी चेन चलती रहे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी लोगों को दीपावली पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी वर्गों में खुशहाली आए, यही सरकार की मंशा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने उद्योगपतियों से सरकार की औद्योगिक नीति का लाभ उठाने एवं राज्य के विकास में सहभागी बनने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के साथ ही सरकार राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने में जुटी है। उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने भी कहा कि राज्य में पहली बार उद्योग हितैषी नीति बनाई गई है, इसका लाभ राज्य के उद्यमियों और लोगों को मिलेगा। प्रमुख सचिव उद्योग ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के चलते राज्य में उद्योग स्थापना का वातावरण तैयार हुआ है। वनांचल क्षेत्रों में उद्योग स्थाना के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल नवीन औद्योगिक विजन के चलते हम छत्तीसगढ़ की नई तस्वीर गढ़ेंगे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अनिल नचरानी एवं पूर्व अध्यक्ष श्री विजय झंवर ने राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने, इंवेस्टमेंट पॉलिसी तथा स्टील उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले की सराहना की और इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *