मुख्यमंत्री बघेल नित-नए वामपंथी पैंतरे आजमाने के बजाय काम करने पर ध्यान दें — भाजपा

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कटाक्ष : मुख्यमंत्री केंद्रीय गृह मंत्रालय का सलाहकार बनने का हास्यास्पद उपक्रम कर रहे

बघेल सक्षम हैं, पूर्ण बहुमत वाली सरकार अपने सुझावों पर ख़ुद ठोस पहल करें

रोज़गार की बात हो या बिजली की, कांग्रेस की सरकार ने भाजपा की पूर्व राज्य सरकार के सारे कामों पर पानी फेरने के अलावा अपने कार्यकाल में कुछ भी नहीं किया

पत्र का मज़मून बता रहा है कि प्रदेश सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से मुँह चुराने की कोशिश कर रही है और घूम-फिरकर केंद्र से पैसे ही मांगने का काम कर रही है

 

 

रायपुर —  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या को समूल नष्ट करने के लिए लिखे गए पत्र पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि चिठ्ठियाँ लिखने के बजाय मुख्यमंत्री बघेल ख़ुद उन अनेक मुद्दों पर पहल कर सकने में सक्षम हैं, जिनके संबंध में उन्होंने अपने पत्र में लिखा है। श्री साय ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री बघेल जब-तब चिठ्ठियाँ ही लिखने का काम कर रहे हैं और कोई ठोस काम करने की उनकी नीयत उनके अब तक के कार्यकाल में कभी नज़र नहीं आई। श्री साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल राजनीति के नित-नए वामपंथी पैंतरे आजमाने के बजाय काम करने पर ध्यान दें।

भाजपा प्रदेश अध्यश्र श्री साय ने कहा कि बघेल नक्सली उन्मूलन के प्रति कभी गंभीर नहीं दिखे और अब वे केंद्रीय गृह मंत्रालय का सलाहकार बनने का हास्यास्पद उपक्रम कर रहे हैं। प्रदेश में जबसे कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, नक्सली गतिविधियों में इज़ाफ़ा हुआ है। प्रदेश सरकार को ‘अपनी सरकार’ बताते हुए निर्दोषों का ख़ून बहाकर नक्सलियों ने अपना समानांतर आतंकराज चला रखा है। श्री साय ने कहा कि नक्सलवाद की समस्या को समूल नष्ट करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह के नेतृत्व में काफी काम हो रहे हैं, मुख्यमंत्री बघेल उन्हें सुझाव देकर सलाहकार बनने की चेष्टा करने के बजाय सुझावों पर ख़ुद ठोस पहल करें। पूर्ण बहुमत वाली सरकार के एक मुख्यमंत्री होने के नाते वे काफ़ी कुछ कर सकने में सक्षम हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश में 10 लाख रोज़गार का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है। प्रदेश में रोज़गार की बात हो या बिजली की, प्रदेश सरकार को इन पर ख़ुद काम करने का अधिकार है। दरअसल प्रदेश सरकार काम करने के मामले में बदनीयती की शिकार है और केंद्र सरकार के कामों में बेवज़ह का प्रलाप करना कांग्रेस और उसकी सरकार की फ़ितरत बन चुकी है। श्री साय ने कहा कि प्रदेश में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने नक्सलवाद पर न केवल क़ाबू पाया था, अपितु नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार के साथ ही तमाम विकास योजनाओं पर काम करके बस्तर के धुर नक्सली इलाक़ों में अत्याधुनिक तकनीक का विस्तार करने की दिशा में दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम करके बताया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने उन सारे कामों पर पानी फेरने के अलावा अपने कार्यकाल में कुछ भी नहीं किया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि पत्र का मज़मून बताता है कि प्रदेश सरकार अपने हिस्से की ज़वाबदारी केंद्र सरकार के मत्थे मढ़कर अपनी ज़िम्मेदारी से मुँह चुराने की कोशिश कर रही है और घूम-फिरकर केंद्र से पैसे ही मांगने का काम कर रही है। श्री साय ने सवाल किया कि आख़िर प्रदेश सरकार अपने स्तर पर आर्थिक संसाधनों का इंतज़ाम करने की कोशिश करने के बजाय कब तक केंद्र सरकार के सामने पैसों का रोना रोती रहेगी? प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को कर्ज़ के दलदल में तो धकेल दिया है और ईमानदारी के साथ प्रदेश के हित में जो काम किए जाने हैं, उनके लिए पैसों का रोना-धोना मचाना मुख्यमंत्री बघेल और उनकी सरकार को शोभा नहीं देता। श्री साय ने कहा कि ‘वामपंथी स्क्रिप्ट रीडर’ बनकर रह गए मुख्यमंत्री बघेल अपने हिस्से की ज़वाबदारी का ईमानदारी के साथ निर्वहन करने पर ध्यान दें।

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