रमन के बड़ा आदमी होने के अहंकार के कारण ही जनता ने भाजपा को नकारा….. रस्सी जल ग़यी , ऐंठन अभी भी बांकी — सुशील आनन्द
पलटी मार कर रमन सिंह किसानों, मतदाताओं के अपमान के गुनाह से बच नहीं सकते – कांग्रेस
रमन सिंह चाहते है बड़ा मन दिखाकर मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही न करे?
रायपुर — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छोटा आदमी का संज्ञा देकर अपने बयान से पलटने वाले रमन सिंह छत्तीसगढ़ के लाखों किसान और खेती किसानी करने वालों के प्रति किये गये अपमान के गुनाह से बरी नहीं हो सकते। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि उन्हें रमन सिंह ने भूपेश बघेल नहीं प्रदेश के लाखों किसान और राज्य के लाखो मतदाताओं का अपमान किया है। अपने बयान के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिये। अटल बिहारी बाजपेयी की कविता के संदर्भ का बहाना बताकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़ा मन करने की सलाह देकर रमन सिंह की मंशा क्या है? वे क्या चाहते है? बड़ा मन दिखाकर डी.के.एस. घोटाले के आरोपी उनके दामाद पर कार्यवाही न की जाये? या बड़ा मन दिखाकर नान घोटाले के आरोपियों पर कार्यवाही न की जाये? यदि उन्हें ऐसी अपेक्षा है तो वे कोई भी राय बनायें छत्तीसगढ़ के गुनाहगारों के खिलाफ कानून अपना काम जरूर करेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा मन दिखाया है तभी आर्थिक बदहाली से जूझ रहे राज्य के किसानों का कर्जामाफ किया, बड़ा मन दिखाया तभी राज्य के अन्नदाताओं को धान की कीमत 2,500 रू. मिला बड़ा मन दिखाया तभी राज्य की 75 फीसदी आबादी का बिजली बिल आधा हो गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा म नही था कि तेंदूपत्ता संग्राहको का मानदेय 2,500 से 4,000 रू. हो गया। बड़ा मन दिखाने का दिखाने का मौका रमन सिंह के पास भी 15 साल तक था तब तो वे कुनबा परस्ती में लगे थे। अब वे सलाह दे रहे है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह के अपने इसी बड़ा आदमी होने के अहंकार के कारण छत्तीसगढ़ की जनता ने विधानसभा चुनाव में बुरी तरह नकारा था। बड़ा आदमी होने के अहंकार ही था, रमन सिंह की नाक के नीचे उनके कुनबे के लोग गरीबों के राशन में 36,000 करोड़ का नान घोटाला कर गये, उनका दामाद गरीबों के ईलाज के लिये बन रहे डी.के.एस. अस्पताल में करोड़ो की घोटालेबाजी करता रहा, मनमानी करता रहा अंतागढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी की खरीद फरोख्त करते रहा, उसे भी गुमान था, वह बड़े आदमी का रिश्तेदार है। इसी बडे़ आदमी के पुत्र होने के अहंकार में उनके पुत्र अभिषेक सिंह विदेश में खाता खोल डाले पनामा पेपर की सूची में नाम आ गया। 15 साल में सारे रसुखदारों को यही अभिमान था कि वे कुछ भी करेंगे उनके पहुंच बड़े आदमी रमन सिंह तक है, इसीलिये जनसंपर्क में घोटाले होते रहे, विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ षड़यंत्र होता रहा, भयादोहन के लिये कानून के रक्षक पुलिस के अधिकरी गैर कानूनी तरीके से फोन टेप करवाते रहे और बडे़ आदमी रमन सिंह उनको संरक्षण देते रहे, रमन सिंह भूल गये थे प्रजातंत्र में सबसे बड़ा आदमी मतदाता होता है जो 5 साल तक सरकार में बैठाये हुये अपने प्रतिनिधि के आचरण का आंकलन करता है, 5 साल बाद वही बड़ा आदमी मतदाता तथाकथित स्वयंभू बडे़ आदमी का हिसाब करता है। छत्तीसगढ़ में भी मतदाताओें ने स्वयंभू बड़े आदमी रमन सिंह का हिसाब कर दिया है, लेकिन लगता है 15 साल के सत्ता का अहंकार अभी रमन सिंह के सर नहीं उतरा है।