बेमेतरा में 33 पुरुषों ने कराई एनएसवी ।

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बेमेतरा, 3 दिसंबर 2020 — पुरुष नसबंदी पखवाड़े के  सेवा वितरण सप्ताह में जिले में अब तक 33 पुरुषों ने नसबंदी कराई है । वहीं नसबंदी पखवाड़े को लेकर जारी मोर मितान मोर संगवारी चौपाल कार्यक्रम से प्रेरित होकर लगभग 15 लोगों ने नसबंदी कराने के लिए सहमति प्रदान किया है। इन लोगों की एनएसवी आने वाले दिनों में की जायेगी | पुरूष नसबंदी पखवाड़े के दौरान ग्रामीणों के बीच समूह चर्चा के माध्यम से पुरुष नसबंदी के प्रति फैली भ्रांतियों और मिथकों को भी दूर किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.के. शर्मा ने बताया, पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान दंपती संपर्क अभियान 21 से  27 नवंबर तक प्रचार-प्रसार के लिए चलाया गया था।  इसके बाद द्वितीय चरण में 28 नवंबर से 04 दिसंबर तक सेवा वितरण सप्ताह चलाया जा रहा है जिसमें पुरूषों को नसबंदी की सेवा प्रदान की जा रही है। जिले में पखवाड़े के दूसरे सप्ताह में नसबंदी शिविर शासकीय जिला अस्पताल बेमेतरा में भी आगामी दिनों में आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। सीएमएचओ ने बताया, अब तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेरला में 22 एनएसवी एवं सिविल अस्पताल साजा में 11 एनएसवी की गयी हैं । पुरूष नसबंदी परिवार नियोजन के स्थाई साधनों में से एक है। पखबाड़े के दौरान लोगों को नसबंदी के बारे में जागरूक करने के लिए पहले नसबंदी करा चुके पुरुष भी आगे आकर अपने अनुभव लोगों से साझा कर रहे हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया, मोर मितान मोर संगवारी चौपाल में पूर्व में नसबंदी कराने वाले पुरुषों को प्रशस्ति पत्र भी बांटे जा रहे हैं। बेमेतरा जिला में गतवर्ष 145 पुरुषों  द्वारा एनएसवी कराई गयी थी। पहले नसबंदी की सेवा ले चुके ग्रामीणों ने अपने अनुभव साझा कर नसबंदी के प्रति फैले भ्रम को गलत बताया। उन्होंने बताया, नसबंदी कराने से पुरुषों में किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती है। हम पहले की ही तरह एकदम सामान्य जीवन जी सकते हैं।

पुरुष नसबंदी पखवाड़े में लोगों ने जागरुकता का परिचय देते हुए नसबंदी करवाकर परिवार नियोजन के स्थाई साधन को अपनाया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार और परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर के बीच प्रदेश में दो चरणों में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। मोबिलाइजेशन सप्ताह में जनसंख्या स्थिरीकरण में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने एवं राज्य में एनएसवी कार्यक्रम को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए एनएसवी के लिए पुरुषों को जागरूक किया जा रहा है। मोर मितान-मोर संगवारी के तहत गोष्ठियों को आयोजित कर पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित किया गया। इसके लिए ऐसे गांवों का चयन किया गया जहां दो या दो से अधिक बच्चों वाले दम्पति ज्यादा थे। समूह चर्चा के माध्यम से उन्हें छोटे परिवार के फायदों के बारे में बताया जा रहा है।

नसबंदी कराने वालों को 2,000 तो उत्प्रेरकों को मिलते हैं 300 रुपए-

पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानीनों, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पुरुषों को परिवार नियोजन के लिए उपलब्ध विभिन्न साधनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनएसवी कराने में मात्र दस मिनट का समय लगता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नसबंदी कराने वालों को दो हजार रुपए और उत्प्रेरकों को 300 रुपए दिए जाते हैं। नसबंदी पखवाड़ा के दौरान आरएचओ, एएनएम और मितानीनों द्वारा योग्य दम्पतियों का सर्वे कर पुरुष गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग के लिए संवेदीकरण, चिन्हांकन एवं पंजीकरण किया गया। इस वर्ष कोविड-19 की वजह से चयनित हितग्राहियों का एंटीजन टेस्ट होने के बाद ही एनएसवी की सेवा प्रदान की जा रही है । प्रति दिवस सर्जन चिकित्सक को 5 पुरुष नसबंदी करने का लिमिट तय किया गया है। बेरला में सर्जन डॉ नवल ने अस्पताल में और डॉ. सन्याल ने साजा में पुरुषों की एनएसवी की। जिला अस्पताल में सर्जन पदस्थ नहीं होने पर रायपुर मेकाहारा से बुलाया जाएगा। शिविर के आयोजन को लेकर कहीं भी भीड़ एकत्रित न हो इसका पूरा ध्यान रखते हुए कोविड-19 के गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है।

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