रक्षा सौदे के बदले घूस लेने वाले और तड़ीपार भाजपा अध्यक्षों के बारे में बताएं कौशिक – कांग्रेस
आज़ादी के आंदोलन में कांग्रेस और भाजपा की भूमिका पर खुली बहस कर लें कौशिक
आरएसएस और हिंदूमहासभा की भूमिका पर भी कुछ कहते तो अच्छा होता
रायपुर/25 दिसंबर 2020 – भाजपा नेता धरमलाल कौशिक के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि एओ ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना क्यों की और स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस की क्या भूमिका रही यह इतिहास में दर्ज है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को गर्व है कि उनके अध्यक्षों में से कोई रक्षा सौदों के बदले घूस लेते नहीं पकड़ा गया और न ही कोई तड़ीपार हुआ.
उन्होंने कहा है कि इस बात को पूरा देश जानता है कि कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई लड़ी, जमकर लड़ी। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, महामाना मालवीय, पंडित नेहरू, सरदार पटेल ना जाने कितने नेता कांग्रेस के जिन्होंने जेलों में अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा बिताया। भाजपा के पूर्ववर्ती आर एस एस के लोग उस समय क्या कर रहे थे? सावरकर क्यों अंग्रेजों से माफी मांग कर बाहर निकले और क्यों आजाद हिंद फौज खिलाफ भर्ती होने के लिए वे देशवासियों का आह्वान करते रहे, अंग्रेजी सेना में इस बात का जवाब धरमलाल कौशिक को देना चाहिये। श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, गुरु गोलवलकर जैसे आरएसएस के नेताओं की क्या भूमिका आजादी की लड़ाई में थी इस बात का जवाब धरमलाल कौशिक को देना चाहिए? आरएसएस को यह भी बताना चाहिए कि इनके नेता लगातार आजादी की लड़ाई के पीठ में छुरा भोंकने काम क्यों करते रहे? चाहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हो या क्रांतिकारी उनकी मुखबिरी करने का काम आर एस एस के लोगों ने क्यों किया? इस बात का जवाब उनको देना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कौशिक जी चाहें तो आज़ादी की लड़ाई में कांग्रेस और भाजपा की भूमिका पर खुली चर्चा कर लें. जो इतिहास में दर्ज है उसे सामने रखकर तथ्यपरक बहस से साफ़ हो जाएगा कि कौन हिटलर और मुसोलिनी के साथ था और कौन अंग्रेज़ों से लोहा ले रहा था.
धरमलाल कौशिक से त्रिवेदी के सवाल
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि धरमलाल कौशिक को बताना चाहिए कि अगर उनकी पार्टी भाजपा और भाजपा की मातृ संस्था आरएसएस के संस्थापक खाटी भारतीय रहे तो आजादी की लड़ाई के पीठ में छुरा भोंकने का काम आजाद हिंद फौज के खिलाफ अंग्रेजी सेना में भर्ती करने का काम और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और क्रांतिकारियों की मुखबिरी के काम में आरएसएस के लोग क्यों शामिल रहे?
धरमलाल कौशिक को यह भी बताना चाहिए कि मुसोलिनी से मिलने और मुसोलिनी की विचारधारा को समझने के लिए उनके नेता इटली क्यों गए थे?
धरमलाल कौशिक यह भी बताएं कि हिटलर की नाजी पार्टी की ड्रेस और अभिवादन का तरीका आरएसएस ने क्यों अख्तियार किया ?
कांग्रेस नेताओं की आजादी की लड़ाई में भूमि का त्याग तपस्या बलिदान जेलों में काटी गई जवानी तो सबको पता है, लेकिन 1947 तक सावरकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय जैसे भाजपा और भाजपा के मात्र संगठन आर एस एस की विचारधारा के नेता आजादी की लड़ाई में भाग क्यों नहीं लिए? इस सवाल का जवाब धरमलाल कौशिक दें तो बेहतर होगा।
सावरकर द्वारा बार-बार अंग्रेजों से माफी मांगने के कारणों को भी धर्म लाल कौशिक को बताना चाहिए ?
धरमलाल कौशिक यह भी बताएं कि अंग्रेजों से माफी मांग कर काला पानी से छूटने के बाद सावरकर को अंग्रेजी सरकार एक कलेक्टर की तनखा से ज्यादा राशि पेंशन के रूप में क्यों देती रही ?
स्वदेशी और राष्ट्रवाद का दावा करने वाली विचारधारा के लोग यह भी बताएं कि आजादी की लड़ाई के समय उनका राष्ट्रवाद कहां और क्यों सोया पड़ा था?
अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीति में इस विचारधारा के लोग मुस्लिम लीग की ही तरह अंग्रेजों के सहयोगी क्यों बने रहे ?