भाजपा किसानों के नाम पर आंदोलन राजनैतिक नौटंकी बंद करे – कांग्रेस

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रायपुर/13 जनवरी 2021 — भाजपा द्वारा किये जा रहे आंदोलन पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा कौन सी नैतिकता से किसानों के लिये आंदोनल कर रही है। राज्य के मुद्दों के दिवालियापन से जूझ रही भाजपा किसानों के नाम पर अपनी डूब चुकी नैय्या को बचाने में लगी है। भाजपा दावा कर रही है कि प्रदेश में धान खरीदी सही ढंग से नहीं हो रही जबकि राज्य में अब तक 70 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। प्रदेश में अब तक लगभग 17 लाख किसानों का धान सरकार खरीदी कर चुकी है। जब धान खरीदी का लक्ष्य 80 फीसदी पूरा हो गया तब भाजपा को किसानों की सुध आ रही है। 
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा को किसानों के बारे में बोलने का प्रदर्शन करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं, भाजपा की छत्तीसगढ़ में सरकार थी 15 सालों तक किसानों के साथ वादाखिलाफी किया जब केंद्र में सरकार बनी तब किसानों के हितों के खिलाफ उद्योगपतियों को बढ़ावा देने तीन काले कानून बनाया है। भाजपा को प्रदर्शन करना ही है तो मोदी सरकार के खिलाफ करें। छत्तीसगढ़ का किसान तो खुश है उसका धान समर्थन मूल्य पर बिक रहा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों को 10,000 रू. की  अतिरिक्त सहायता मिल रही है, गोधन न्याय योजना से छत्तीसगढ़ के किसान अपने मवेशियों के गोबर तक बेच कर मुनाफा कमा रहे है। 
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता जवाब दें कि केन्द्र के द्वारा छत्तीसगढ़ के सेन्ट्रल पूल के चावल में कटौती कर 60 लाख मीट्रिक टन से घटा कर 24 लाख मीट्रिक टन किये जाने पर क्यों मौन है? जूट कमिश्नर ने छत्तीसगढ़ सरकार की मांग के अनुसार 3.5 लाख गठान बारदाने देने की सहमति नहीं दी, इस बारे में भाजपा नेताओं ने कब केन्द्र को पत्र लिखा? छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत 2500 देने की छूट के लिये मोदी सरकार को भाजपा के किस नेता ने पत्र लिखा? जनता सांसदों का चुनाव तो इसीलिये करती है कि सांसद उनके हक की आवाज केन्द्र में उठायेंगे भाजपा के 9 सांसदों ने छत्तीसगढ़ के किसानों के हक की आवाज कब-कब केन्द्र के समक्ष उठाया है? भाजपाई यदि किसानों के हक में ईमानदारी से आंदोलन करना चाहते है तो मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करें जो देश के किसानों और खेती को गुलाम बनाने पर तुली हुई है।

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