प्रदेश में तमाम अपराध अब एक तरह से उद्योग की शक्ल अख़्तियार कर रहे हैं जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि प्रदेश में अब ज़ंगलराज चल रहा है : श्रीवास्तव

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भाजपा का सवाल : स्मार्ट पुलिसिंग की जुमलेबाजी से गृह मंत्री कब उबरेंगे और कब मानेंगे कि क़ानून-व्यवस्था चौपट हो रही है?

ताज़ा आँकड़ों का हवाला देकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा- नाबालिगों के साथ अपराध में राजधानी 301 और दुर्ग ज़िला 215 मामलों के साथ क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर है

ये आँकड़े प्रदेश सरकार के शर्मनाक निकम्मेपन की ग़वाही ख़ुद दे रहे, राजधानी में ख़ुद सरकार बैठी है और दुर्ग ज़िला मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और कृषि मंत्री का अपना गृह ज़िला है

 

रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेशभर में नाबालिगों को साथ अपराध के मामलों में लगातार इज़ाफ़े को बेहद चिंताजनक माना है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में जबसे कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है अपराधों का ग्राफ़ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अभी हाल ही जारी हुए ताज़ा आँकड़ों को हवाला देते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बीते 13 महीने में ही प्रदेशभर में नाबालिगों के साथ अपराध के लगभग 18 सौ से अधिक मामले घटे हैं। इनमें राजधानी 301 और दुर्ग ज़िला 215 मामलों के साथ क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ये आँकड़े प्रदेश सरकार के शर्मनाक निकम्मेपन की ग़वाही ख़ुद दे रहे हैं, क्योंकि राजधानी में ख़ुद प्रदेश सरकार बैठी है और दुर्ग ज़िला स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और कृषि मंत्री रवींद्र चौबे का अपना गृह ज़िला है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इसी अवधि में प्रदेशभर में पॉक्स एक्ट के 2,500 मामले सामने आए। दुर्ग ज़िले में तो 215 में से 120 मामले दुष्कर्म के हैं जो क़ानून के राज को खुली चुनौती दे रहे हैं। अपराधियों में क़ानून के राज का कोई ख़ौफ़ नहीं रह गया है और रही-सही क़सर आपराधिक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण ने पूरी कर दी है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और कृषि मंत्री के अपने गृह ज़िले में नाबालिगों तक की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है, इससे अधिक लज्जाजनक स्थिति इस सरकार के लिए क्या हो सकती है? श्री श्रीवास्तव ने सवाल किया कि स्मार्ट पुलिसिंग की जुमलेबाजी से प्रदेश के गृह मंत्री साहू आख़िर कब उबरेंगे और कब यह मानेंगे कि प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो रही है? प्रदेश में न केवल बलात्कार के मामले बढ़े हैं, अपितु नाबालिग बच्चियों के अपहरण, उनसे सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामलों की बाढ़-सी आई हुई है। कोरोना काल और लॉकडाउन अवधि में भी महिलाओं के साथ अपराध, घरेलू हिंसा के मामले बढ़े थे, लेकिन प्रशासनिक सूझबूझ से शून्य इस प्रदेश सरकार को महिलाओं की अस्मत और जान की कोई परवाह नहीं है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के ढोल पीटती प्रदेश सरकार ने एक तरफ माफियाओं को, तो दूसरी तरफ अराजक व आपराधिक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण देकर उनके हौसले इतने बढ़ा दिए हैं कि अब प्रदेश में छोटी मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं तक को अपनी अस्मत और जान के लाले पड़े हुए हैं और नागरिक सुरक्षा के तमाम दावे हवा हो गए हैं। प्रदेश में तमाम अपराध अब एक तरह से उद्योग की शक्ल अख़्तियार कर रहे हैं जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि प्रदेश में अब ज़ंगलराज चल रहा है।

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