मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की चिंता करना छोड़ असम में जाकर नित-नया झूठ गढ़ने और लोगों को भ्रमित करने में मशगूल : भाजपा

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने पहाड़ी कोरवा जनजाति की बच्चियों के सड़ा हुआ चावल खाने से बेहोश होने के मामले पर प्रदेश सरकार के नाकारापन पर तीखा हमला बोला

प्रदेश सरकार को ग़रीबों, मज़दूरों, आदिवासियों की कोई फ़िक्र नहीं; केंद्र सरकार की ओर से नि:शुल्क वितरण के लिए भेजा गया अनाज नहीं उठाया, ज़रूरतमंदों को अनाज मुहैया नहीं हो रहा

दिल्ली दरबार’ में ‘शहज़ादे’ की जी-हुजूरी करके अपने नंबर बढ़वाना मुख्यमंत्री बघेल के राजनीतिक चरित्र को ज़्यादा सूट कर रहा, सत्तावादी अहंकार में चूर बघेल लोगों की तक़लीफ़ अनदेखा कर रहे

 

 

रायपुर —  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने पहाड़ी कोरवा जनजाति की दो बच्चियों के सड़ा हुआ चावल खाने से बेहोश होने का मामला सामने आने पर प्रदेश सरकार के नाकारापन पर तीखा हमला बोला है। श्री साय ने कहा कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष संरक्षित कोरवा जनजाति परिवारों के प्रति प्रदेश सरकार की बेरुखी से यह साफ़ हो गया है कि इस निकम्मी और संवेदनहीन सरकार को प्रदेश के लोगों की तक़लीफों से कोई सरोकार नहीं रह गया है और वह सत्ता-लोलुपता की पराकाष्ठा कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार को अपने प्रदेश के ग़रीबों, मज़दूरों, आदिवासियों की कोई फ़िक्र नहीं है और उसने केंद्र सरकार द्वारा नि:शुल्क वितरण के लिए भेजा गया अनाज तक नहीं उठाया। यही कारण है कि प्रदेश के ज़रूरतमंदों को पर्याप्त मात्रा में अनाज मुहैया नहीं हो रहा है। श्री साय ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल को सियासी नौटंकियाँ करने, दूसरे दलों के अंदरूनी मामलों में ताकझाँक करने से और ओछी भाषा में विरोधियों के चरित्रहनन करने से ही फ़ुर्सत नहीं है। श्री साय ने कटाक्ष किया कि ‘दिल्ली दरबार’ में ‘शहज़ादे’ की जी-हुजूरी करके अपने नंबर बढ़वाना मुख्यमंत्री बघेल के राजनीतिक चरित्र को ज़्यादा सूट कर रहा है, इसीलिए प्रदेश का किसान परेशान है, कोरवा जनजाति प्रताड़ित हो रही है, ग़रीब-मज़दूर और तमाम वर्ग के लोग हैरान हैं और मुख्यमंत्री बघेल अपने छत्तीसगढ़ प्रदेश की चिंता करना छोड़ असम में जाकर वहाँ नित-नया झूठ गढ़ने और लोगों को भ्रमित करने में मशगूल हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार आदिवासियों, किसानों, ग़रीबों के नाम पर लगातार सियासी नौटंकियाँ कर रही है, लेकिन उसका राजनीतिक चरित्र हर बार बेनक़ाब होता जा रहा है। पहले किसानों को ख़ून के आँसू रुलाने वाली प्रदेश सरकार ने न तो आदिवासियों को सुरक्षा दी और न ही ग़रीबों के कल्याण और सुविधाओं की फ़िक्र की। प्रदेश में महिला उत्पीड़न के साथ ही अपहरण, बलात्कार के मामलों में राज्य के अमूमन सभी इलाक़ों में आदिवासी परिवारों की बच्चियों से लेकर महिलाओं तक की अस्मत और ज़िंदग़ी दाँव पर लगी हुई है, वहीं अब विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग प्रताड़ित हो रहे हैं। श्री साय ने कहा कि एक तरफ पिछले वर्ष लाखों मीटरिक टन धान सड़ा चुकी प्रदेश सरकार इस वर्ष ख़रीदे गए धान की भी सुरक्षा तक कर पाने की चिंता नहीं कर रही है और करोड़ों रुपए मूल्य का धान के भीगकर सड़ने से राष्ट्रीय संपदा की क्षति की ओर से आँखें मूंदे बैठी है, जबकि दूसरी तरफ, प्रदेश के कोरवा आदिवासी परिवारों की बच्चियाँ सड़ा हुआ चावल खाकर बेहोश हो रही हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि तीन-तीन बार मोहलत लेकर भी सेंट्रल पूल में अपने हिस्से का लाखों मीटरिक टन चावल जमा नहीं करा सकी प्रदेश की इस नाकारा सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्र सरकार के लिए केंद्रीय पूल में ज़्यादा चावल लेने के लिए जिस तरह की भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं, वह पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। अपने राजनीतिक चरित्र के ओछेपन का प्रदर्शन कर रहे मुख्यमंत्री बघेल सत्तावादी अहंकार में चूर जिस तरह प्रदेश के लोगों की अनदेखी कर रहे हैं, उसका मुकम्मल ज़वाब तो प्रदेश के आदिवासी, ग़रीब-मज़दूर, किसान समेत हर वर्ग के लोग देंगे ही। श्री साय ने कहा कि अपने निकम्मेपन का ठीकरा जब-तब केंद्र सरकार के सिर फोड़ने और अनर्गल प्रलाप करने की बुरी लत के शिकार नज़र आ रहे मुख्यमंत्री बघेल को पहले यह बताना चाहिए कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कोरवा जनजाति के परिवारों की सुविधाओं के लिए उन्होंने क्या किया है? आज इन परिवारों की अस्मत दाँव पर है, प्रदेश सरकार के मंत्री अमरजीत भगत जशपुर क्षेत्र में इन परिवारों की लगभग 25 एकड़ ज़मीन अपने न्यायाधीश पुत्र के नाम करा आजीविका छीन रहे हैं और अब इन परिवारों की बच्चियों को सड़ा चावल खाने के लिए विवश होना पड़ रहा है!

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