राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात में बेमौसम बरसात के कारण 35 लोगों की मौत
राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के कई हिस्सों में रात भर बेमौसम बरसात होने, धूल भरी आंधी चलने और आकाशीय बिजली गिरने की घटना में 35 लोगों की मौत हो गयी तथा कई अन्य घायल हो गये। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मध्यप्रदेश में वर्षा जनित घटनाओं में 15 लोगों के मरने की खबर है। गुजरात और राजस्थान में रात भर हुई बारिश में 10-10 लोगों की मौत हो गयी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में बारिश जनित घटनाओं में लोगों की मौत को लेकर सुबह ट्विटर पर दुख जताया और राहत की घोषणा की। इसके तुरंत बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ अपने गृह राज्य गुजरात की चिंता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोगों की मौत पर दुख जताते हुए मोदी पर आरोप लगाया कि उन्हें सिर्फ अपने गृह राज्य गुजरात की चिंता है।
कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘मोदी जी, आप देश के प्रधानमंत्री हैं, न कि गुजरात के। मध्यप्रदेश में भी बेमौसम बारिश, तूफान और तड़का गिरने से 10 से अधिक लोगों की मौत हुई है। लेकिन आपकी संवेदनाएं सिर्फ गुजरात तक ही क्यों सीमित है? भले यहां आपकी पार्टी की सरकार नहीं है लेकिन लोग यहां भी बसते हैं।’ भाजपा ने इस पर कमलनाथ पर बारिश एवं आंधी से लोगों की मौत को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।
मध्यप्रदेश में भाजपा के मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने दिल्ली में कहा कि कमलनाथ प्रक्रिया से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि राज्य सरकार को राहत पाने के लिये पहले ऐसी प्राकृतिक आपदा में हुई क्षति के बारे में केंद्र को सूचित करना होता है, लेकिन ऐसा करने के बजाय वह ट्वीट कर रहे हैं और इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। बलूनी ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र को सूचित करने के बजाय उन्होंने इस त्रासदी पर राजनीति करना चुना।’’
पीएमओ ने ट्वीट कर जताया दुख
बहरहाल, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से बाद में किये गए ट्वीट में कहा गया, ‘नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, मणिपुर और देश के विभिन्न हिस्सों में बेमौसम बरसात और आंधी-तूफान के चलते लोगों की मौत पर दुख जताया है। सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराने के लिये प्रयास कर रही है। स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है।’
पीएमओ ने अगले ट्वीट में कहा, ‘मध्यप्रदेश, राजस्थान, मणिपुर और देश के विभिन्न हिस्सों में बेमौसम बरसात और आंधी के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजन के लिये प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों के लिये 50 हजार रुपये की राशि देने की मंजूरी दी गयी है।’
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार बारिश से प्रभावित इलाकों में स्थिति पर करीब से नजर रख रही है तथा बारिश एवं आंधी से प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिये तत्पर है। ‘बेमौसम’ बारिश और आंधी के कारण लोगों की मौत पर दुख जताते हुए गृहमंत्री ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और देश के कुछ हिस्सों में प्राकृतिक आपदा में लोगों की मौत से वह बहुत पीड़ा और दुख महसूस कर रहे हैं।
भोपाल में अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में आंधी-तूफान के साथ बारिश होने और आकाशीय बिजली गिरने की घटना में 15 लोगों की मौत हो गयी और कुछ अन्य घायल हो गये। बारिश के कारण इंदौर, धार और शाजापुर में 3-3 लोगों की मौत हो गयी, रतलाम में 2 लोग और अलीराजपुर, राजगढ़, सिहोर, छिंदवाड़ा जिलों में 1-1 लोग मारे गये।
अहमदाबाद में गुजरात सरकार के राहत अभियान के निदेशक जी बी मंगलपारा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उत्तर गुजरात के जिलों के कई इलाकों और सौराष्ट्र क्षेत्र में बारिश एवं आंधी-तूफान में 10 लोगों की मौत हो गयी है। उन्होंने कहा, ‘उत्तर गुजरात में अधिकतर लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने और पेड़ों के गिरने के कारण हुई।’ इससे पहले एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर गुजरात के हिम्मतनगर शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिये लगाये गये तंबू का एक हिस्सा भी तेज आंधी में क्षतिग्रस्त हो गया।
जयपुर में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तेज हवाओं के साथ बारिश होने से राजस्थान में मंगलवार को जनजीवन प्रभावित रहा और 10 लोगों की मौत हो गयी। राजस्थान के कई इलाकों में करीब 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं के कारण कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गये। पीड़ितों के परिजन के लिये 4-4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की गयी है।
राहत अभियान के सचिव ए. टी. पेडणेकर ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘झालवाड़ में 4 लोगों की मौत हुई और जयपुर में भी इतने ही लोगों की मौत हुई है। बारन और उदयपुर में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है।’ उन्होंने बताया, ‘3-4 और लोगों के मरने की सूचना है और हम इस बात की पुष्टि कर रहे हैं उनकी मौत क्या बारिश जनित घटनाओं में हुई है।’