विभाग की उदासीनता का नतीजा, ओवरलोड वाहनें बेलगाम होने से उखड़ रही सड़कें..
रायपुर/बलौदाबाजार — प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 2 वर्ष पूर्व निर्मित धनेली बोरसी ग्रामीण सड़क जर्जर हो रही है ग्राम अर्जुनी से मोपका पहुंच मार्ग फेस-2 लंबाई लगभग 20 किलोमीटर से भारी वाहन ट्, हाईवा, ट्रेलर 40 से 50 टन सीमेंट भरकर टोनाटार बोरसी मोपका होते हुए बिल्हा होकर बिलासपुर पहुंच रहे हैं। और जसवानी नामक ढेकेदार की हैवा 30 से 40 टन वजन डामर गिट्टी एवं डब्ल्यूएमएम ‘wmm’ ले कर चल रही है। भारी वाहनों के चलने के कारण सड़क की डामर जगह-जगह से उखड़ रही है। प्रतिदिन 80 से 100 वाहन सीमेंट भरकर आवागमन कर रहे हैं। जबकि इस सड़क की क्षमता 15 से 20 टन तक का ही है कलेक्टर बलौदाबाजार के द्वारा प्रधानमंत्री सड़क एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्मित सड़क जो कि एक ग्रामीण सड़क है जिस पर राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह भारी वजन की गाड़ियां दिन में 150 से 200 गाड़िया चल रही है।सड़क पर भारी वाहन चलने से रोकने के लिए समिति का गठन किया गया था लेकिन समिति के द्वारा आज तक इस सड़क में चलने वाले वाहनों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई।
बता दें कि चल रही गाड़िया का वजन सड़क की भार क्षमता व क्रष्ट से कई गुना ज्यादा है। जिसकी पुष्टि कलेक्टर को कार्यपालन अभियंता सह सदस्य सचिव , परियोजना क्रियान्वयन ईकाई के द्वारा दी गई है। बावजूद इसके आज दिनांक तक भारी वाहनों का आवागमन बंद नहीं हुआ है। सूत्रों की माने तो विभागीय उदासीनता के कारण सड़के टूट रही है। जिसके लिए विभाग ही जवाबदार है।
ग्राम टोनाटार के सरपंच सत्या बुद्धेश ध्रुव ने बताया कि इस प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्मित सड़क में दिन-रात बड़े बड़े वाहन दौड़ रहे हैं सड़क टूटकर जर्जर हो रही है लेकिन सड़क की सुध लेने वाला कोई अधिकारी कर्मचारी नहीं है सरपंच ने जिलाधीश से तत्काल इस सड़क पर भारी वाहन के आवागमन पर प्रतिबंध हेतु ठोस कार्यवाही की मांग कि है गौरतलब है अधिकांश ट्रक चालक सीमेंट संयंत्र से ट्रक लोड कर इस सड़क से आना-जाना करते हैं जिससे टोल प्लाजा की राशि बच जाती है तथा डीजल की बचत भी होती है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पैकेज क्रमांक सीजी—22—01 की दो सड़कों में एक सड़क धनेली, बोरसी, नवागांव, टोनाटार लंबाई 14.90 किलोमीटर की सड़क में अत्यधिक वाहनों के चलने से सड़क क्षतिग्रस्त होने के संबंध में तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। उक्त मांग कार्यपालन अभियंता सह सदस्य सचिव , परियोजना क्रियान्वयन ईकाई से की गई है।