भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री को लिखा मार्मिक पत्र…. क्या है इस पत्र में पढ़िये पूरी खबर ।
रेमडेसीवीर इंजेक्शन की कालाबजारी से दुःखी लुटती छ ग की जनता को बचाने हेतु एक छोटा सा प्रार्थनासुझाव
प्रति,
माननीय मुख्यमंत्री जी
मै रायपुर निवासी दुःखी पीड़ित छत्तीसगढ़िया आप से इस खुले पत्र के माध्यम से रायपुर में 5400 व 3600 MRP के रेमडेवीर इन्जेक्शन वास्तविक क़ीमत 1295 व 900 है।उसकी कालाबजारी बहुत बड़ी संख्या में हो रही है। उस ओर आप का ध्यान लाना चाहता हु।
कुछ कोरोना पीड़ितों के लिए अनिवार्य इस इन्जेक्शन की व्यवस्था में उनके भावुक परिजन लुटे जा रहे है। बहुत महंगे दामो में लेने विवश है। हजारों रुपयों में उनके साथ ठगी की जा रही है। बिचौलियों या विक्रेताओं द्वारा..
आप से आग्रह करता हु की रायपुर कलेक्टर यदि इस वैक्सीन के लिए 25 करोड़ का प्रवाधान रायपुर के लिए कर दे जिसमे केवल इस इन्जेक्शन की खरीदी होगी और डीलरों के माध्यम से डीलरों द्वारा हर अस्पतालों में निजी व सरकारी में जरूरत मंद पेसेन्ट के जरूरत के हिसाब से समय समय मे वहाँ वे वैक्सीन उपलब्ध करवाए। उसका सारा भुगतान कलेक्ट्रेट से समय समय मे किया जाए तो इस राशि मे लगभग दो पौने दो लाख वैक्सीन की व्यवस्था मरीजो के लिए उपलब्ध हो सकती है। इस भयावह समय मे वरदान साबित होगी। (अभी जितनी इन्जेक्शन उपलब्ध है उसकी जानकारी लेकर इस व्यवस्था को शीघ्र 24 घण्टे में प्रारम्भ किया जा सकता है बाद में जैसे जैसे इन्जेक्शन डीलरों के पास पहुँचेगी। व्यवस्था आगे बढ़ती जाएगी।)
इस व्यवस्था से कालाबाजारी जमा खोरी और अभाव की समस्या भी नही रहेगी। इसमे केवल बजट और डीलरों को निर्देश की इसका भुगतान जिलाधीश कार्यालय से होगा और उन्हें अतिरिक्त निर्देश की रायपुर के सारे निजी सरकारी अस्पताल के मरीजो को पहुँचा के यह इन्जेक्शन उन्हें निशुल्क देनी है। यह कलेक्ट्रेट से उन्हें समय प्रतिदिन उपलब्ध करवाई जाएगी कि किस अस्पताल में आज कितनी इन्जेक्शन पहुचाने है। पहुचाने की जानकारी कलेक्ट्रेट कार्यालय में देकर भुगतान ऑनलाइन प्राप्त कर सकते है।
इस छोटी सी व्यवस्था से सरकार जनता की बड़ी सेवा कर पायेगी। बिना सरकार के निगरानी के इस अराजकता को समाप्त नही किया जा सकता इसलिए इसमे जिलाधीश महोदय के कार्यालय का हस्तक्षेप अनिवार्य है। इसी व्यवस्था को अन्य जिलों में भी दोहराया जा सकता है। बहुत उम्मीद से पत्र आपको लिख रहा हु यदि यह सुझाव पसन्द आये तो जरूर क्रियान्वन करियेगा।
गौरी शंकर श्रीवास रायपुर निवासी
पीड़ित दुःखी छत्तीसगढिया