भूपेश सरकार सिर्फ और सिर्फ हवा-हवाई बात करने वाली अलोकप्रिय सरकार है : विकास मरकाम
सिलेगर ही नहीं आदिवासी हितों के हर मोर्चे पर सीएम भूपेश बघेल फेल हैं
रायपुर — भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आदिवासी हितों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा है कि सिलगेर ही नहीं आदिवासी हितों के हर मोर्चे पर सीएम भूपेश बघेल फेल हैं।उन्होंने उदाहरण देते हुये बताया कि कांग्रेस के 30 आदिवासी विधायकों के बलबूते चलने वाली सरकार के सीएम भूपेश बघेल की गवर्निंग का आलम ये है कि सिलगेर में चार आदिवासियों की पुलिसिया हत्या को मुख्यमंत्री ने सिर्फ दुर्भाग्यजनक कहने में पच्चीस दिन का समय लिया।कैम्प के विरोध में ख़ास तौर पर दो जिलों के हजारों आदिवासी सड़कों में थे,लेकिन,बस्तर के सभी सीटों में कांग्रेस के जीते विधायक घरों में दुबके रहे और तो औऱ प्रदेश के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा तो सिलगेर के मामले में कुछ कहना तक नहीं चाहते हैं और यही हाल रहा सांसद दीपक बैज का भी।सिलगेर मामले में बस्तर के निर्वाचित नेताओं की चुप्पी सीधा संकेत दे रही है कि रायपुर हाई कमान (सीएम भूपेश बघेल) की इच्छा के बिना बस्तर के नेता मुंह तक नहीं खोलेंगे; चाहे आदिवासी पुलिस की गोली से ही क्यों ना मर जाएं।
शिक्षा,चिकित्सा और स्वास्थ्य हर मोर्चे पर यह सरकार फेल है।भूपेश सरकार सिर्फ़ और सिर्फ हवा-हवाई बातें करने वाली अलोकप्रिय सरकार बनकर रह गई है।हम सिर्फ आरोपों की राजनीति के लिए आरोप नहीं लगा रहे हैं बल्कि, हमारे आरोपों का एक आधार 13 जून को रायपुर कलेक्टर का वो भाषण है जिसमें कलेक्टर ने कहा कि रायपुर ज़िले में जमीनों की खरीदी और बिक्री अनुमान से ज्यादा हुई है। भाजपा के आदिवासी नेता ने भूपेश सरकार पर कोरोना महामारी के संकटकाल में भी असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुये कहा है कि कोविड19 के ईलाज के लिये आम लोगों को घर-बार,खेत- खार बेचना पड़ा है।घर- बार, खेत- खार खरीदने वाले लोगों के तार , सरकार और चिकित्सा माफिया से जुड़ सकते हैं।बस सीएम भूपेश बघेल इन ख़रीदी बिक्री की जाँच करवा देने का दम दिखा दें। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना ठीक से लागू न कर पाने तथा निजी चिकित्सा प्रतिष्ठानों के साथ प्रदेश सरकार की सांठ गांठ के कारण निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के लाखों रुपयों के बिल के कारण ये स्थिति बनी है ।