डॉ. रमन सिंह की छवि धुमिल करने की कोशिश की जा रही है – भाजपा

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रायपुर — हमें यह बताते हुए खेद हो रहा है कि एक सशक्त विपक्ष के प्रमुख नेता, जो छत्तीसगढ़ राज्य के तीन बार के मुख्यमंत्री और एक बार केन्द्र में मंत्री रहे हैं जिन्हें पूरा प्रदेश विकास पुरूष और चाऊर वाले बाबा के नाम से जानता है, की छवि खराब करने के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार तरह-तरह का षडयंत्र रच रही है। डॉ रमन सिंह और उनके परिवार की छवि खराब करने के लिए विनोद तिवारी जैसे लोग सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रहे हैं ।
आप सभी जानते है, कुछ सप्ताह पहले विनोद तिवारी नामक व्यक्ति जो अपने आपको जनता का हितैषी बताता है, ने दावा किया था कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 5 अप्रैल 2021 को राज्य सरकार को डॉ. रमन सिंह और उनके पुत्र के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के लिए निर्देशित किया है इसके साथ ही विनोद तिवारी ने यह भी दावा किया था कि केन्द्र सरकार ने यह आदेश उसके द्वारा 23 जनवरी 2021 को की गई शिकायत के आधार पर किया है । विनोद तिवारी द्वारा 27.04.2021 को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर डॉ. रमन सिंह एवं उनके पुत्र के खिलाफ जांच करने हेतु दबाव भी बनाया।
प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए बिनोद तिवारी ने गृह मंत्रालय के 5 अप्रैल, 2021 के पत्र के साथ कुछ कुटरचित दस्तावेज लगाकर मीडिया में प्रसारित किया। विनोद तिवारी ने पहले डॉ रमन सिंह और उनके पुत्र के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में हाईर्को में उनके विरूद्ध एफ.आई.आर. के आदेश के लिए भी याचिका लगाई थी हाईकोर्ट में यह याचिका तब लगाई गई जब प्रधानमंत्री कार्यालय में केस बंद हो गया था। इसी तरह तिवारी द्वारा ई ओ डब्ल्यू में भी रमन सिंह एवं उनके परिवार के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति मामलें में शिकायत की गई है। अब पता चला है, राज्य सरकार द्वारा ई ओ डब्ल्यू के ऊपर एफआईआर करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है ।
लेकिन सच्चाई लंबे समय तक छुप नहीं सकती, आज हम आपको कांग्रेस का असली चेहरा दिखाने आए हैं, विनोद तिवारी तो बस एक चेहरा है दरअसल इस कुूट रचना के पीछे पूरी कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार शामिल है। उन्हें पहले दिन से ही सारी सच्चाई मालूम थी लेकिन डॉ. रमन सिंह की छवि को खराब करने के लिए यह कुत्सित प्रयास किया गया।

यह (पत्र की कॉपी दिखाना) केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 15 जून, 2021 को भेजा गया पत्र है. जिसमें दो बाते महत्वपूर्ण है, पहली यह कि विनोद तिवारी ने यह दावा गलत किया है कि उसकी शिकायत के आधार पर गृह मंत्रालय ने 5 अप्रैल, 2021 को राज्य सरकार को भज गए पत्र के माध्यम से शिकायत की जांच के लिए निर्देशित किया है। जबकि सच्चाई यह है कि गृह मंत्रालय ने विनोद तिवारी द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को 23 जनवरी, 2021 को भेजे गए पत्र जिसमें उल्लेख था कि ‘जल्लाद’ शब्द के स्थान पर कोई अन्य शब्द का उपयोग हेतु। इसका मतलब यह हुआ कि गृह मंत्रालय ने 5 अप्रैल, 2021 को राज्य सरकार जो पत्र भेजा वह डॉ. रमन सिंह और उनके पुत्र से संबंधित नहीं था।
दूसरा यह कि गृह मंत्रालय को विनोद तिवारी द्वारा आज तक डॉ. रमन सिंह और उनके पुत्र की आय से अधिक संपत्ति की जांच हेतु कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए इस तरह की शिकायत छत्तीसगढ़ सरकार को भेजने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता, इस तरह यह दावा करना कि गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को जांच हेतु निर्देशित किया गया है, पूर्णतः गलत है, बल्कि गृह मंत्रालय द्वारा, राज्य सरकार से कहा गया है कि विनोद तिवारी ने जो कुट रचना की है उसके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही कर गृह मंत्रालय को अवगत कराये।
इस पूरे प्रकरण में राज्य सरकार और कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से सम्मिलित है, उन्होंने इस षड्यंत्र हेतु विनोद तिवारी को चुना, पहले डॉ. रमन सिंह और उनके पुत्र के खिलाफ झूठी शिकयत केन्द्र सरकार को करना, फिर यह उम्मीद करना की केन्द्र सरकार द्वारा रूटीन में शिकायत की जांच हेतु राज्य सरकार को पत्र भेजा जाएगा, तो केन्द्र सरकार के पत्र का सहारा लेकर डॉ. रमन सिंह के खिलाफ राज्य सरकार से जांच करवाना, लेकिन जब इसमें सफल नहीं हुए तो विनोद तिवारी से अन्य पत्र (जल्लाद से संबंधित) जो केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को भेजा गया था, उसका सहारा लेकर मुख्य सचिव को गुमराह करना और जांच के लिए मुख्य सचिव पर दबाव बनाना। लेकिन हम यहां यह बताना चाहते हैं कि इस तरह से हमारे नेता के खिलाफ झूठी शिकायत करने वाले के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी शांत नहीं रहेगी. इसके लिए हम न्यायालय की शरण में जांएगे और केन्द्र सरकार के पत्र का दुरूपयोग कर डॉ रमन सिंह जी की छवि खराब करने वाले लोगों का पर्दाफाश करेंगे ।

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