धरमलाल बताये किस कारण चिटफंड कंपनियों को संरक्षण दिया था — सुशील आनंद
रायपुर — प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने नेताप्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक से सवाल किया है कि जब चिटफंड कंपनिया छत्तीसगढ़ के लाखों लोगो की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने का षडयंत्र रचा रही थी। तब उन्होंने इन कंपनियों को प्रश्रय किस कारण से दिया था? बिलासपुर के अवनी विहार जिला रोजगार कार्यालय द्वारा रोजगार मेला का आयोजन किया गया था। इस मेले में रोजगार कार्यालय के पत्र क्र. 23/9/2012 के अनुसार कलकत्ता वेयर इंडस्ट्रीज द्वारा 50 एडवाइजर की भर्ती की मांग हुई थी। इस मेले में विधानसभा अध्यक्ष के रूप में धर्मलाल कौशिक भी शामिल हुये थे। जब राज्य का विधानसभा अध्यक्ष किसी चिटफंड कंपनी के भर्ती मेले में शामिल होगा, शासकीय विभाग रोजगार मेले का आयोजन करेगा तो आय नागरिक इस पर सहज ही भरोसा कैसे नहीं करेगा। इसी प्रकार यही कलकत्ता वेयर इंडस्ट्रीज ने जांजगीर रोजगार मेला में 2013 में भी स्टाल लगाकर 50 भर्ती वेकन्सी निकाली थी, रोजगार मेला महासमुंद में 2012 में 200 से अभिकर्ता और 5 कम्प्यूटर आपेरटर की भर्ती की वेकन्सी तथा धमतरी रोजगार मेला में 200 एजेन्टों की भर्ती किया था। जहां धमतरी कलेक्टर पुलिस अधीक्षक, संयुक्त संचालक रोजगार भी उपस्थित थे। पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी वीणा सिंह (याल्को ग्रुप चिटफंड कंपनी राजनांदगांव का शिलान्यास)। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह गुरूकृपा चिटफंड कंपनी के ओपनिंग सेमिनार में भाग लिया। भाजपा पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, रमन सिंह के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह, भाजपा पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, भाजपा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदल, तत्कालीन आरडीए अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव चिटफंड कंपनियों के प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुये।
सेबी व केंद्र सरकार द्वारा 2009 से 2014 के बीच व उसके बाद इन चिटफंड कंपनियों के धंधे पर पाबंदी लगाई गई थी। उसके बाद भी छत्तीसगढ़ में सरकार के संरक्षण में चिटफंड कंपनियों का जाल फैलते गया। बगैर रोकटोक के इन चिटफंड कंपनियों की जनता की कमाई की लूट जारी रही। भाजपा के प्रभावशाली मंत्री, नेता इनको संरक्षण देते रहे। 161 चिटफंड कंपनियों ने छत्तीसगढ़ की 1 करोड़ जनता (21 लाख परिवार) के खून पसीने की कमाई पर डाका डाल दिया। धर्मलाल कौशिक जवाब दे किस लालच में उन्होंने और भाजपा नेताओं चिटफंड कंपनियों को संरक्षण दिया था।