हीरा कुर्मी हत्याकांड के अनसुलझे सवाल,पुत्र ने की मुख्यमंत्री,डीजीपी से निष्पक्ष जांच की मांग ।
दमोह(म.प्र.) — जिले के पथरिया थानांतर्गत ग्राम चिरौला में बीते दिनों 13 जुलाई को श्रीमती हीरा कुर्मी, उम्र-60 वर्ष की खून से लथपथ लाश मिली थी, लाश को देखकर प्रथम दृष्टया हत्या होना स्पष्ट दिख रहा था। मामले में पथरिया थाना की टीम में जांच की और 15 जुलाई को आरोपी मस्तराम पटेल पिता-छोटेलाल पटेल निवासी चिरौला को गिरफ्तार किया,मोबाइल लोकेशन और घटनास्थल पर मिली बीड़ी के टुकड़े का मिलान कर पूछताछ की जिस पर आरोपी ने 11 जुलाई की रात हत्या करना कुबूला और पुलिस ने आनन फानन में अधूरी पूछताछ किये और बिना रिमांड लिए आरोपी को जेल भेज दिया गया।
जबकि पुलिस द्वारा ना ही प्रथम दृष्टया अन्य गवाहों के बयान दर्ज किये गए और ना ही आरोपी के साथी जो कि घटना की रात पार्टी किये थे उनसे सख्ती से पूछताछ की गई।
मृतका के पुत्र ने उठाये सवाल :
मृतका हीरा कुर्मी के पुत्र मिहीलाल कुर्मी उर्फ मिहिर कुर्मी जो कि पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता हैं उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा जांच में लापरवाही बरतते हुए घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी जांच अधूरी है। उनका कहना है कि मामले में पुलिस आरोपी द्वारा लूटे गए जेवरात और उनकी बरामदगी की पुलिस द्वारा जांच नहीं की जा रही है और ना ही घटना के समय आरोपी के कपड़ों की कोई शिनाख्त हुई है। साथ ही आरोपी के साथ अन्य साथियों की शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है और ना ही आरोपी को शिनाख्ती के लिए दोबारा घटनास्थल लाया गया ।घटनास्थल पर एक सूटकेस भी खुला और बिखरा मिला उसकी भी अनदेखी की गई। खून से लथपथ एक बैग अभी भी रखा है जिसकी भी जांच नहीं हुई।
मुख्यमंत्री और डीजीपी से की निष्पक्ष जांच की मांग :
मृतका के पुत्र ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और डीजीपी से इस जघन्य हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए अधूरी जांच की बिंदुवार निष्पक्ष जांच करने की मांग की है साथ ही पथरिया विधायक से भी मामले में न्याय दिलाने की मांग की है ताकि मामले की हकीकत सामने आ सके।
ज्ञात हो कि मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। साथ ही पुलिस द्वारा अभी तक मामले में की गई जांच स्थानीय लोगों द्वारा संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। वहीं गिरफ्तार आरोपी आदतन अपराधी है जिसे पूर्व में 1999 के चिरौला गांव के महिला के साथ बलात्कार के एक मामले में सजा हो चुकी है किन्तु मात्र 3 दिन में ही ऊंचे रसूख के कारण जमानत मिल गयी थी।