हिन्दी की बन रही है वैश्विक पहचान- आडिल

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हिन्दी दिवस पर मैट्स यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन कार्यक्रम

रायपुर —  हिन्दी की वैश्विक पहचान बन रही है और भारत सहित विश्व के अनेक देशों में हिन्दी का महत्व  बढ़ रहा है। हिन्दी भाषा के विकास में जैसे-जैसे कार्य करते रहेंगे वैसे-वैसे इसका महत्व बढ़ता जाएगा। हमें हिन्दी भाषी होने पर गर्व करना चाहिए। यह बातें मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी  विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन हिन्दी दिवस समारोह में अतिथियों ने कहीं।
मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी  विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.  रेशमा अंसारी ने बताया कि हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी विभाग द्वारा 11 से 14 सितंबर तक हिन्दी दिवस समारोह का ऑनलाइन आयोजन किया गया। 14 सितंबर को आयोजित समापन समारोह की मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सत्यभामा आड़िल थी। इस अवसर पर उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हिन्दी राजभाषा तो है लेकिन राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकृत नहीं हुई है। हम मन ही मन मानते हैं। हिन्दी भाषा में कामकाज एक औपचारिकता है,  अधिकांश कार्य अंग्रेजी में ही होते हैं। बावजूद इसके हिन्दी भाषा भारत ही नहीं, भारत के बाहर भी लोकप्रिय हो रही है। इसका स्वरूप वैश्विक होता जा रहा है। हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनाने का सपने देखने वालों के लिए यह सुखद बात है कि हिन्दी भाषा वैश्विक स्तर पर छलांग लगा रही है।  हिन्दी भारत के बाहर के देशों में भी गूंजती है। हम हिन्दी  को लेकर  वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ रहे हैं। विश्व के अनेक देशों में गये हमारे भारतीय हिन्दी भाषा को लेकर  गये हैं और वहाँ प्रचार-प्रसार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. के.पी. यादव ने हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हिन्दी आत्मसात करने वाली भाषा है जिसमें बहुत सी भाषाएँ अपने आप मिल जाती है। हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य अपनी भाषा को प्राथमिकता देना और उसका विकास करना है। विश्व के अऩेक देशों में बसे भारतीयों ने हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है और दे रहे हैं। विश्व के अनेक देश हिन्दी को महत्व दे रहे हैं।
इसके  पूर्व विभागाध्यक्ष, हिन्दी डॉ. रेशमा अंसारी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भाषा हमारी संस्कृति को संरक्षित करती है, हमें एकता के सूत्र में बांधती है। उन्होंने राष्ट्रीय हिन्दी दिवस और विश्व हिन्दी दिवस के अंतर पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हिन्दी दिवस के अवसर पर  हिन्दी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें काव्य पाठ, निबंध लेखन, भाषण, कहानी लेखन, प्रश्नोत्तरी आदि शामिल हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनीता तिवारी ने एवं आभार प्रदर्शन   डॉ.  रमणी चंद्राकर ने किया। हिन्दी दिवस पर आयोजित इस समारोह में काव्य पाठ, निबंध और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया,  कुलपति प्रो. के.पी. यादव, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया, उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांढ, कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा ने हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए हिन्दी दिवस समारोह के आयोजन को सराहनीय प्रयास बताया। इस अवसर पर  प्राध्यापकगण डॉ. कमलेश गोगिया, श्रीमती मधुबाला शुक्ला, श्रीमती सुश्मिता मिश्रा, चंद्रेश चौधरी सहित सहित विभिन्न विभागों के प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण  उपस्थित थे।

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