रमन सिंह के 15 साल मुख्यमंत्री रहने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा — शैलेश नितिन

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रमन सिंह जिस पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में है, उसे ही अपना बहुमूल्य मार्गदर्शन दें

 

15 साल सरकार की किसान विरोधी, गरीब विरोधी, मजदूर विरोधी नीतियों और फसलों के कारण भाजपा को 15 सीटें भी नहीं मिल पायी थी : जितने भाजपा के सदस्य थे वोट भी नहीं मिले थे

 

रायपुर/18 सितंबर 2021 —  प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह जिस पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में है, उसे ही अपना बहुमूल्य मार्गदर्शन दें। रमन सिंह के 15 साल मुख्यमंत्री रहने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। रमन सिंह जी 6 महीने में जिन 5 मुख्यमंत्रियों के बदले जाने पर गर्व कर रहे हैं उन मुख्यमंत्रियों को नालायक पाए जाने पर भाजपा ने बदला है। उत्तराखंड में तो 3 माह में दो बार मुख्यमंत्री बदले गए। गुजरात में तो मुख्यमंत्री के साथ साथ पूरा मंत्रिमंडल नालायक पाया गया और किसी को भी नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई।

यदि स्वयं के 15 साल मुख्यमंत्री बने रहने को रमन सिंह जी उपलब्धि मानते है तो बतायें कि 15 साल रमन सिंह जी को मुख्यमंत्री बनाए रखने का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा उसे सब जानते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 15 सीटें भी नहीं मिल पाई। 2018 में भाजपा के छत्तीसगढ़ में 56 लाख सदस्य थे लेकिन मात्र 47 लाख एक हजार वोट ही मिल पाए। भाजपा के 8 लाख 99 हजार से भी अधिक सदस्यों ने रमन सिंह के 15 साल के शासन के बाद भाजपा को वोट देना मुनासिब नहीं समझा। रमन सिंह के 15 साल के शासन के बाद भाजपा के सदस्यों के परिवारजनों की बात छोड़िये, भाजपा के 15 लाख सदस्यों ने हीं भाजपा को वोट नहीं दिया था।

बार-बार मुख्यमंत्री बदलना और अस्थिरता यदि रमन सिंह जी की निगाहों में अच्छा है तो रमन सिंह जी 15 साल मुख्यमंत्री क्यों बने रहे? जब-जब उनकी कुर्सी हिलती थी तो कभी राजनाथ सिंह की मद्द और कभी-कभी सौंदान सिंह जी की कृपा प्राप्त करने की कोशिशें क्यों करते रहे? 15 साल रमन सिंह जी की सरकार चली लेकिन उसी का परिणाम तो यह हुआ कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नहीं चल पायी और 15 सीटों पर सिमट कर रह गयी।

रमन सिंह ने फिर से उल्टा चश्मा पहन लिया है : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आज कांग्रेस की सरकार में किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मजदूरों के लिए न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, वनोपज संग्रहण, चौतरफा विकास का काम हो रहा है। छत्तीसगढ़ समृद्ध हो रहा है। पुरखों के सपनों का छत्तीसगढ़ का निर्माण हो रहा है। यह रमन सिंह जी को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। रमन सिंह जी को लग रहा है कि कोई मुख्यमंत्री नहीं है, कोई सरकार नहीं है। रमन सिंह जी बताये जब जीरम में कांग्रेस की विकास यात्रा पर माओवादी हमला हुआ, ठीक उसी जगह हमला हुआ था जहां पुलिस सुरक्षा हटा ली गयी थी। तब छत्तीसगढ़ में सरकार थी या नहीं?

नसबंदी कांड हुआ, नकली दवाओं के कारण 13 माताओं की मौत हुयी, तब छत्तीसगढ़ में सरकार थी या नहीं? झलियामारी, आमागुड़ा में बच्चियों के साथ अनाचार हुआ, अंखफोड़वा कांड में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के क्षेत्र राजनांदगांव से लेकर बागबाहरा तक बुजुर्गो को आंख फोड़ी गयी, सारकेगुडा में चौथी और आस की कक्षा में गणित के शाला में टापर बच्चों को माओवादी बताकर फर्जी मुठभेड़ में गोली मारी गयी गयी तब छत्तीसगढ़ में सरकार थी या नहीं?

नान घोटाला, चावल घोटाला, धान घोटाला हुआ, चंद पैसो के लिये सैकड़ो माताओं के गर्भाशय निकाले गये, जंगल में मवेशी चराने गयी आदिवासी लड़की मीना खल्खों को बलात्कार के बाद नक्सली बताकर गोली मार दी गयी तब छत्तीसगढ़ में सरकार थी या नही? रमन सिंह जी का कार्यकाल तो इन्हीं के लिए जाना जाता है। रमन सिंह के शासनकाल में एड़समेटा, पेद्दागेलूर, सोनकू-बिजलू हत्याकांड जैसी घटनायें, फर्जी आत्मसमर्पण, फर्जी मुठभेड़ों में आदिवासियों की हत्यायें जैसे कामों के लिये ही जाना जाता है। आज छत्तीसगढ़ में ऐसे कोई काम नहीं हो रहे हैं इसलिए रमन सिंह जी को लगता है कोई मुख्यमंत्री नहीं है। जबकि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार हैं और जनहित में अच्छा काम कर रही हैं।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 15 साल तक छत्तीसगढ़ में रमन सिंह जी मुख्यमंत्री थे उस दौरान उनको सभी ओर विकास दिखता था और छत्तीसगढ़ की जनता विकास ढूंढते रही। रमन सिंह के कार्यकाल में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी रही। किसानों की आत्महत्या की घटनाएं, किसानों के साथ वादाखिलाफी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती, युवाओं के रोजगार को आउटसोर्सिंग के माध्यम से बेचने की नीति और छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, परंपरा को दबाने की कोशिश किया गया। प्रशासनिक अराजकता चरम सीमा पर रही है। उसे डॉ. रमन सिंह विकास बताते रहे हैं और समझते रहे हैं। अब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों से किए वादे को पूरा कर रही है। छत्तीसगढ़ कला, संस्कृति परंपरा को सहेजने के लिए काम कर रही है। सर्वहारा वर्ग के विकास की सोच के साथ काम कर रही हैं। छत्तीसगढ़ की जनता को विकास दिख रहा है और रमन सिंह जी को विकास नहीं दिख रहा, सरकार नही दिख रही है तो स्पष्ट है कि रमन सिंह ने फिर से उल्टा चश्मा पहन लिया है। इस बार चश्में में जो विकास होता है, किसानों, मजदूरों, गरीबों के हित में अच्छा काम होता है वह रमन सिंह जी को नहीं दिखता।

 

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