प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत आवंटित चावल में अनियमितता – भाजपा
रायपुर — छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केंद्र से आवंटित चावल में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजे गए चावल में कांग्रेस सरकार ने बड़ा घोटाला किया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सभी ज़रूरतमंदों को दो महीने के लिए मुफ्त चावल देने का निर्णय लिया था।
इसके बाद, प्रधानमंत्री ने दीवाली तक सभी ज़रुरतमंदों को मुफ्त चावल देने की घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र ने चावल का आवंटन कर भी दिया लेकिन अन्य तमाम केंद्रीय योजनाओं की तरह इसका लाभ भी राज्य में जनता तक नहीं पहुंच रहा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केंद्र से हर महीने एक लाख 385 टन अतिरिक्त चावल का आवंटन किया जा रहा है। प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल प्रति महीने के मान से इससे दो करोड़ से अधिक लोगों को हर महीने यह लाभ मिलना था। लेकिन इसमें से मुश्किल से एक तिहाई लोगों तक यह लाभ पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 1.5 करोड़ गरीबों के मुंह से निवाला छीना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में प्राथमिकता समूह के राशन कार्ड पर मई से नवंबर 2021 तक के लिए पांच किलो प्रति सदस्य के मुताबिक सात लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल का आवंटन छत्तीसगढ़ शासन को मिला, लेकिन इसका लाभ यहां ज़रूरतमंद हितग्राहियों तक कांग्रेस सरकार ने नहीं पहुंचाया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जहां प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो चावल राज्य को दिया गया, लेकिन राज्य सरकार ने ऐसे राशन कार्डधारी जिनके परिवार में एक, दो और तीन सदस्य तक हैं, उनको यह अतिरिक्त चावल नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि राशनकार्ड धारी हितग्राही को निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न प्राप्त होने की शिकायत निरंतर प्राप्त हो रही है। शेष अनाज कहां जा रहा है, यह जांच का विषय है। भाजपा केंद्र द्वारा आवंटित अतिरिक्त चावल हितग्राहियों तक पहुचांने, अभी तक जो चावल नहीं दिया गया उसका नगद भुगतान करने तथा इस घोटाले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करने एवं दोषियों को कड़ी सजा देने की मांगों को लेकर सात-आठ अक्टूबर को राज्य की राशन दुकानों पर धरना देगी।