दुष्प्रचार के लिए माफी मांगें प्रदेश सरकार — उसेंडी

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रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में सीधी भर्ती पर रोक के संबंध में पेश की जा रही सफाई पर पलटवार करते हुए कहा है कि अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रमन सरकार के समय से परिपत्र जारी होने का हवाला देकर कह रहे हैं की हमने आउटसोर्सिंग रोकने के लिए यह कदम उठाया है जबकि विपक्ष में रहते हुए चुनाव प्रचार के दौरान भूपेश बघेल और पूरी कांग्रेस भाजपा सरकार पर आउटसोर्सिंग का आरोप लगा रही थी। जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्वीकार कर लिया है कि वर्ष 2014 से वित्त विभाग यह परिपत्र जारी कर रहा है और उसी प्रक्रिया के तहत यह परिपत्र जारी किया गया है तो भूपेश बघेल विपक्ष में रहने के दौरान आउटसोर्सिंग का झूठा हल्ला क्यों मचाते थे? वह यह बताएं कि जब डॉ. रमन सिंह की सरकार के समय से जारी व्यवस्था को ही उनकी सरकार ने आगे बढ़ाया है तो इसकी वजह क्या है।
श्री उसेंडी ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार के पास ना तो कोई नीति है और ना ही छत्तीसगढ़ की जनता के हित तथा राज्य के विकास के लिए उनकी कोई नीयत है। श्री बघेल हर मामले में रमन सरकार की नीतियों का अनुसरण कर रहे हैं और कहते हैं, कि हम भर्ती पर रोक नहीं लगा लगा रहे बल्कि आउटसोर्सिंग पर रोक लगा रहे हैं यह कमाल की बात है कि डॉ. रमन की सरकार ने यही काम किया तो उसे गलत ठहराया गया और उसी काम को करके भूपेश बघेल अपनी पीठ थपथपा रहे है। डॉ. रमन सिंह की सरकार ने 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ का जो विकास किया है उसके बाद एक कदम भी इस दिशा में भूपेश सरकार ने नहीं उठाया है। और भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों तथा कार्यक्रमों पर अपना ठप्पा लगाने की कोशिश कर रही है। किंतु राजनीतिक विद्वेष की इससे बड़ी मिसाल और क्या होगी की जिस मामले में भूपेश बघेल और उनकी कांग्रेस भाजपा सरकार को बदनाम करती थी, उन्हीं का अनुसरण करके सफाई दे रही है कि उसने आउटसोर्सिंग रोकने के लिए परिपत्र जारी किया है इसका मतलब यह है कि भाजपा सरकार के समय से जारी प्रक्रिया आउटसोर्सिंग रोकने के लिए ही थी और भूपेश सरकार ने भाजपा सरकार की नीति को ही अंगीकार किया है। इसलिए भूपेश बघेल को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनसे इस बात के लिए क्षमा मांगना चाहिए कि सिर्फ सत्ता में आने के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता को झूठ बोलकर गुमराह किया और डॉ. रमन सिंह के जन हितैषी कार्यों का केवल राजनीतिक कारणों से विरोध करते रहे।

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