प्रदेश में सरकार सीएम भूपेश बघेल के ही नेतृत्व में चलेगी… ढाई-ढाई साल का जो फॉर्मूला है, वो मीडिया का प्रोमोशन है।

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रायपुर —  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को प्रदेश के सभी कलेक्टर और आईजी, एसपी की बैठक बुलाई थी। इस बैठक का उद्देश्य मुख्य रूप से यह माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में ढ़ाई-ढ़ाई के मुख्यमंत्री को लेकर जो चर्चायें चल रही है उस पर अंकुश लगाया जा सके। प्रशासनीक अधिकारियों को यह बता दिया जाए कि प्रदेश में सरकार सीएम भूपेश बघेल के ही नेतृत्व में चलेगी। उनके हिसाब से प्रशासनिक काम-काज किया जाना है।

दरअसल, पिछले कुछ महीने से लगातार ढाई-ढाई साल के फार्मूले के तहत मुख्यमंत्री के बदलने को लेकर चर्चा है। इस दौरान कई बार ऐसी स्थिति निर्मित हुई कि लगने लगा था कि अब प्रदेश का नेतृत्व बदल जाएगा। भूपेश बघेल की जगह टीएस सिंह देव को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। इस बीच मुख्यमंत्री कई बार विधायकों को लेकर दिल्ली गए और दिल्ली से रायपुर भी आए। राहुल गांधी को भी छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण दिया गया लेकिन उन्होंने अब तक यह निमंत्रण स्वीकार नहीं किया है और बार-बार भूपेश बघेल रायपुर से दिल्ली और दिल्ली से रायपुर विधायकों को ले जाकर अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस बीच टीएस सिंह देव भी कई बार दिल्ली जा चुके हैं और उन्होंने भी पार्टी के उच्च पदाधिकारियों सहित हाईकमान से मुलाकात की लेकिन अब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने में नाकाम रहे। इन दोनों के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रहे विवाद पर अब तक न तो सोनिया गांधी और ना ही राहुल गांधी ने कोई भी कोई बयान दिया है। मुख्यमंत्री बदलाव की चर्चा के बीच प्रशासनिक अमला का कामकाज भी कहीं ना ढीला पड़ गया था।

दिन भर चली कलेक्टर मैराथन बैठक के बाद अब यह लगने लगा है कि वर्तमान परिस्थिति में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई बदलाव नहीं होने वाला है। हालांकि राजनीति में कभी भी, कुछ भी संभव है। ऐसे में एकदम से यह कह देना कि मुख्यमंत्री की कुर्सी में अब किसी तरह की फेरबदल की गुंजाइश नहीं है, यह भी जल्दबाजी होगी। आने वाले समय में क्या होगा? यह तो पार्टी हाईकमान ही तय करेगा, लेकिन इस बीच जो मुख्यमंत्री ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को आज संकेत दिए हैं, उसका असर कहीं ना कहीं आने वाले दिनों में कामकाज पर भी देखने को मिल सकता है।

देखने में आ रहा था कि अधिकारी काम में तेजी और योजनाओं के क्रियान्वयन में रुचि नहीं दिखा रहे थे। सभी असमंजस की स्थिति में थे। आज जिस तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को बुलाकर उनकी क्लास लगाई, उनके कामकाज की समीक्षा की और उसमें तेजी लाने के निर्देश दिए, इससे साफ है कि बघेल ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वही बने रहेंगे और उनके नेतृत्व में ही प्रशासन चलेगा। इसलिए कामकाज को बिना किसी देरी और हीला-हवाली के तेजी से किया जाए।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी सचिव सप्तगिरि उल्का पहली बार अंबिकापुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर सरकार के कामकाज की अंदरूनी जानकारियां ली और संगठन की मजबूती पर कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श किया। सप्तगिरि उल्का ने आईएएनएस और सी वोटर के सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि भूपेश बघेल सी-वोटर के सर्वे में देश के नंबर वन सीएम बने हैं। तो अभी ऐसी कोई बात नहीं है, हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी हैं। ये ढाई-ढाई साल का जो फॉर्मूला है, वो मीडिया का प्रोमोशन है।

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