राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान जनजातीय परिधानों, गहनों, शिल्प और डिजाइनों से भी रूबरू होंगे लोग ।
• ट्राइबल डांस एरिया और स्पीकर लाउंज के साथ-साथ लाइव शोकेस एरिया, ट्राइबल इंस्पायर्ड एग्जीबिट, शिल्प-ग्राम और फूड-एरिया का भी होगा
• आयोजन के लिए रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में चल रही हैं भव्य तैयारियां
रायपुर — रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 28 अक्टूबर से शुरु हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान लोगों को जनजातीय परंपाओं के परिधानों, गहनों, शिल्पों, डिजाइनों और खान-पान के बारे में भी विस्तार से जनकारियां प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इस महोत्सव में ट्राइबल डांस एरिया और स्पीकर लाउंज के साथ-साथ लाइव शोकेस एरिया, ट्राइबल इंस्पायर्ड एग्जीबिट, शिल्प-ग्राम और फूड-एरिया का भी निर्माण किया जाएगा।
ट्राइबल डांस एरिया में 28 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जनजातियों द्वारा विभिन्न जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। स्पीकर लाउंज में कला, संगीत, फिल्म, स्वास्थ्य, पर्यटन, खानपान सहित विभिन्न क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों को अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर मिलेगा। इस मंच के माध्यम से वे अपने समुदाय में हुए विकास और भविष्य की योजनाओं के बारे में अपने विचारों को भी साझा कर पाएंगे। लाइव शोकेस एरिया में आदिवासियों के कार्यों का प्रदर्शन किया जाएगा। लोग जनजातीय कलाकारों से बातचीत करके उनकी कलाओं और शिल्प के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। ट्राइबल इंस्पायर्ड एक्जिबिट में जनजातीय परंपराओं से प्रेरित परिधानों, गहनों, डिजाइनों आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। शिल्प-ग्राम में आदिवासी हस्तशिल्प का प्रदर्शन और विक्रय किया जाएगा। फूड एरिया में छत्तीसगढ़ के स्थानीय और जनजातीय खान-पान की परंपराओं से लोग परिचित होंगे।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से शासन द्वारा जनजातीय समुदायों और संगठनों के बीच परस्पर सहयोग बढ़ाने और विकास की संभावनाओं का पता लगाने के लिए भी पहल की जा रही है। इस महोत्सव के माध्यम से ग्रामीण विकास, पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा देने के भी प्रयास किए जाएंगे। नवा-रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन की भव्य तैयारियां की जा रही हैं। इस महोत्सव में भाग लेने के लिए राज्य के सभी जिलों के कलाकारों द्वारा निरंतर अभ्यास किया जा रहा है। इन कलाकारों के चयन के लिए जिलों में कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में 25 राज्यों तथा 6 देशों के जनजातीय कलाकारों ने हिस्सा लिया था। इस बार के महोत्सव में भागीदारी के लिए अब तक 8 देशों से सैद्धांतिक स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकी हैं। इनमें युगांडा, नाइजीरिया, उज्बेकिस्तान, स्वाजीलैंड, माले, श्रीलंका, फिलिस्तीन और सीरिया भी शामिल हैं। कोरोना की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण आए अंतराल के बाद अब वर्ष 2021 में पुनः पूरी भव्यता के साथ आयोजन की तैयारी व्यापक स्तर पर की जा रही है।