एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में 13 साल के लड़के की आरवीओटी स्टेंटिंग की गई।

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रायपुर – राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना ओडिशा के तहत जन्मजात हृदय रोग की रोकथाम व उपचार कार्यक्रम के लिए बाह्य ह्रदय जाँच शिविर बलांगीर ओडिशा के एक 13 वर्षीय लड़के की स्क्रीनिंग की गई। बलांगीर में इको कार्डियोग्राफी स्क्रीनिंग के उपरांत मरीज में टेट्रालॉजी ऑफ फेलोट (दिल के दो निचले हिस्से के बीच बड़ा छेद और फेफड़ो की नस का गंभीर रूप से सिकुड़ना) पाया गया। एनएच एमएमआई, रायपुर में दोबारा स्क्रीनिंग करने पर, यह पाया गया कि बच्चा तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी के लिए योग्य नहीं है। बच्चा काफी बीमार था, ऑक्सीजन लेवल केवल 60% था और वह अच्छी तरह से विकसित (वजन – 20 किलो था जबकि 13 साल की उम्र में लगभग 45 किलो होना चाहिए ) भी नहीं हो पा रहा था। इसलिए फेफड़ों में रक्त की आपूर्ति बढ़ाकर ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने की जरूरत थी। इस उम्र में बीटी शंट जैसी सर्जरी हाई रिस्क वाली होती है और बाद में करेक्टिव सर्जरी के जोखिम को बढ़ा देती है । इसलिए आरवीओटी के स्टेंटिंग (एक स्टेंट के साथ दिल और फेफड़ों के बीच एक कनेक्शन बनाने की योजना बनाई गई। हालांकि, इस तरह की प्रक्रिया एक बहुत ही दुर्लभ प्रक्रिया थी जिसमें सावधानीपूर्वक योजना और विशेषज्ञ के कौशल और टीम वर्क की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया के लिए कोई स्टेंट भी मार्केट में उपलब्ध नहीं है। इसलिए शरीर के अन्य स्थानों (पेरिफेरल स्टेंट) का इस्तेमाल किया गया था। ये जटिल सर्जरी 25 नवंबर को हमारे अस्पताल में की गई । प्रोसीजर डॉ सुमंत शेखर पाढ़ी (वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट) और डॉ किंजल बख्शी (वरिष्ठ बाल हृदय रोग विशेषज्ञ) द्वारा किया गया था। डॉ राकेश चंद/डॉ नीलिमा दास द्वारा दिए गए एनेस्थीसिया की क्रिया के तहत यह किया गया था। प्रोसीजर के तुरंत बाद ऑक्सीजन लेवल 60% से बढ़कर लगभग 90% हो गई। प्रोसीजर के 48 घंटे बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
यह राज्य में की गई इस तरह की दूसरी प्रक्रिया थी। पहला ऐसा हमारे अस्पताल में भी लगभग 9 साल पहले भी इसी कुशल टीम द्वारा किया गया था। यह ओडिशा के किसी बच्चे में किया गया ऐसा पहला मामला है |
एनएचएमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल रायपुर के फैसिलिटी निदेशक श्री नवीन शर्मा ने कहा, अब एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इस तरह की सर्जरी की जाती है जो बहुत दुर्लभ है। एनएच एमएमआई नारायणा को छत्तीसगढ़ के एक विश्वसनीय हृदय केंद्र के रूप में जाना जाता है, अब हमने छत्तीसगढ़ के लोगों की अधिक सेवा करने के लिए अपने नैदानिक दक्षता को बढ़ाया है। उन्होंने इस सफल सर्जरी के लिए पूरी कार्डियक साइंसेज टीम को भी बधाई दी।

रायपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में एनएच एमएमआई हॉस्पिटल रायपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर नवीन शर्मा, डॉ सुमंत शेखर पाढ़ी, एवं डॉ. किंजल बक्शी, डॉ अरुण अंडप्पन (सलाहकार – कार्डियक निश्चेतना), डॉ. राकेश आर चंद, (प्रमुख – कार्डियक निश्चेतना) उपस्थित रहे।

एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के बारे में:

एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, रायपुर अगस्त 2011 में तब अस्तित्व में आया जब पहले से स्थापित 56 बेड हॉस्पिटल को अत्याधुनिक उपकरण, सुविधओं, नवीनतम ऑपरेशन थिएटर और चिकित्सकीय कौशल से संयुक्त 157 बेड क्षमता वाले हॉस्पिटल में रूपान्तरित किया गया।
आज यह हॉस्पिटल 250 बेड की क्षमता के साथ मध्यभारत का अग्रणी चिकित्सकीय संस्थान बन गया है जो हृदयरोग, मष्तिस्क विज्ञान, गुर्दारोग, कर्क रोग और हड्डीरोग जैसे क्षेत्रों में विस्तृत एवं उत्कृष्ट सेवाएं दे रहा है।
हॉस्पिटल का लगभग 1.26 लाख वर्ग फुट इमारती क्षेत्र 3 एकड के परिसर में फैला है। रायपुर शहर के सबसे शांत इलाके में बसा यह हॉस्पिटल मरीजों शीघ्र स्वस्थ्यलाभ के लिए सबसे उपयुक्त जगह है।

नारायणा हेल्थ के बारे में:

चिकित्सा जगत की सारी स्पेशलिटीस के साथ नारायणा हेल्थ भारत का एक जाना-माना नाम बन गया है। सन 2000 में बैंगलोर में 225 बेड क्षमता के पहले हॉस्पिटल के बाद निरंतर प्रगति करते हुए यह संस्थान देश भर में 22 अस्पताल, 7 हार्ट सेंटर और Cayman द्वीप (ब्रिटिश क्षेत्र) में हेल्थ सिटी के साथ एक विस्तृत नेटवर्क के रूप में उभरा है जिसकी कुल बेड क्षमता 7,300 से ज्यादा है।
अधिक जानकारी के लिए: www.narayanahealth.org

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