गर्व है भिलाई निगम पर जिसके एजुकेशन मॉडल को पूरे छत्तीसगढ़ में सरकार ने अपनाया
दुर्ग — एजुकेशन हब के रूप में पहचान बना चुके भिलाई को कांग्रेस के पूर्व मेयर और मौजूदा भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव ने जो सौगात दी है, उसे आज पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने का उनका आइडिया अभूतपूर्व रहा| आज अगर कोई प्रदेश के किसी इंग्लिश मीडियम स्कूल पहुंच जाए तो उसके लिए वहाँ का महौल और सुविधाएं देखकर यह यकीन करना मुश्किल होता है कि वे किसी सरकारी स्कूल में खड़े हैं।
पूर्व महापौर देवेंद्र यादव ने अपने निगम क्षेत्र में आने वाले सरकारी स्कूलों को न सिर्फ हिंदी मीडियम से अंग्रेजी मीडियम में बदलने का काम किया, बल्कि स्कूलों की कक्षाओं को स्मार्ट बनाने का काम किया। इसका यह नतीजा निकला कि पूर्व महापौर देवेंद्र यादव के इस एजुकेशन मॉडल को प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूली शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए अपनाया और आज प्रदेश में 100 से अधिक सरकारी हिंदी मीडियम स्कूल को इंग्लिश मीडियम स्कूल में बदलने का प्रयास किया, जिसे आज हम स्वामी आत्मानंद स्कूल के माध्यम से जानते है। यह स्कूली शिक्षा में एक क्रांतिकारी पहल थी, जो आगे चल कर मील का पत्थर साबित होगा।
इसकी शुरुआत तब हुई थी जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। विपक्ष में होने के कारण यह प्रयास चुनौतीपूर्ण था। लेकिन सवाल गरीब बच्चों के भविष्य से जुड़ा था तो फिर हमारे महापौर देवेंद्र यादव हार कहां मानने वाले थे। डेढ़ साल के लंबे प्रयास के बाद आखिरकार कामयाबी मिली और खुर्सीपार के जोन 4 और सेक्टर 6 में अंग्रेजी मीडियम स्कूल की स्थापना की गई। यहां क्वालीफाइड और प्रशिक्षित टीचर, फर्निश्ड एवं इको फ्रेंडली क्लास रूम, डिजिटल क्लास रूम, ई लाइब्रेरी, आधुनिक केमेस्ट्री एवं फिजिक्स लैब और स्पोर्ट्स एक्टिविटी के साथ बच्चे अपने उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। आज भिलाई में 12 सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल की संख्या है।
देवेंद्र यादव कहते हैं ‘शिक्षा पर सबका समान अधिकार है। इसमें कहीं कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मैंने अपनी इसी विचारधार को लेकर छात्रजीवन में एनएसयूआई ज्वाइन किया और छात्रहित में संघर्ष किया। दिसंबर 2015 में नगर पालिक निगम भिलाई मेयर प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का मौका मिला। शहर की जनता ने अपना आशीर्वाद देकर नगर पालिक निगम भिलाई मेयर की कुर्सी पर जब बिठाया, तो मेरी जिम्मेदारी और दो गुनी हो गई। 11 जनवरी 2016 को लाल मैदान पावर में पद और गोपनीयता के साथ भिलाई की भलाई और सभी को एक समान शिक्षा दिलाने की शपथ ली। 17 अप्रैल 2016 को स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को पहला पत्र लिखा और नगरीय निकायों में स्मार्ट स्कूल खोलने की मांग की। 25 फरवरी 2017 को तत्कालीन स्कूली शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर अंग्रेजी माध्यम के स्मार्ट स्कूल खोलने के प्रस्ताव के बारे में बताया। प्रस्ताव पर मंत्री सहमत हुए और उन्होंने संचालक को पत्र जारी कर जिला शिक्षा विभाग से अंग्रेजी माध्यम स्कूल का अभिमत मंगाने के निर्देश दिए। 6 अगस्त 2017 को तत्कालीन दुर्ग जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र मिला। जिला शिक्षा विभाग ने मेरे प्रस्ताव के अनुसार अंग्रेजी माध्यम स्कूल का ड्राफ्ट तैयार किया। जिसे सरकार ने अपनाया। जब प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार बनी तो नगरीय निकायों में अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाया गया’।