कवर्धा मामलें में राजभवन जाना भाजपा का अतिवादी चरित्र – कांग्रेस

0

 

रायपुर/27 जनवरी 2022 –  कवर्धा मामले को लेकर भाजपा सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को राजभवन पहुंचने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सांसद अपने सांसद पद के रसूख का गलत फायदा उठाना चाह रहे। उनके खिलाफ कानून तोड़ने का आरोप है पुलिस ने फरार घोषित किया है कोर्ट जायें राजभवन जाना कोर्ट की महत्ता को घटाने की कोशिश करना है। कानूनी और संवैधानिक व्यवस्थाओं में टकराहट पैदा करना है। इस मामलें में राजभवन जाना भाजपा का अतिवादी चरित्र है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के सांसद संतोष पांडे और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के ऊपर सांप्रदायिक सदभावना बिगाड़ने का आरोप है। अशांति फैलाने और वैमनस्यता फैलाने का आरोप लगे है। प्रदेश की जनता ने समाचार माध्यमों में खुद देखा है किस प्रकार से शांति मार्च के नाम पर भाजपाई नेताओं ने कवर्धा में शांति बिगाड़ने का काम किया था। पुलिस ने सांसद और पूर्व सांसद दोनों के घर नोटिस भेजा। नोटिस नहीं लिये तब फरार घोषित किया गया है और भगोड़ा घोषित होने के बाद यदि कानून का जरा भी सम्मान है तो भाजपा नेताओं को कोर्ट में जाकर सरेंडर करना चाहिये तथा अपने दलालों को कोर्ट के सामने प्रस्तुत करना चाहिये।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कवर्धा में दो छोटे गुटों के छोटे से आपसी झगड़े को भाजपा नेताओं ने सांप्रदायिक दंगे को रूप दे दिया था। कवर्धा के बाहर से भाजपाई और संघ के कार्यकर्ताओं को बुलाकर वहां पर भय और आंतक फैलाने का प्रयास किया गया। किसी भी भाजपा नेता ने कवर्धा में कभी शांति स्थापना की अपील नहीं किया। उल्टे भाजपाई सांसद और पूर्व सांसद ने शांति मार्च के बहाने लोगो एकत्रित कर नारे लगवा कर माहौल को खराब किया था। अब जब उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो रही तब भाजपा नेता राजनैतिक दबाव बनाने का अनैतिक प्रयास कर रहे है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दो के दिवालियेपन से जूझ रही है। उसके पास जनहित के लिये उठाने को कुछ बचा नहीं है। इसीलिये भाजपा अब धर्म और सांप्रदायिकता का गंदा कार्ड खेलने के दुष्चक्र में लगी है। उसने कवर्धा के तनाव को पूरे प्रदेश में फैलाने का असफल प्रयास किया झूठे धर्मातरण के मुद्दे को लेकर प्रदेश में माहौल बनाने की अनेकों कोशिशे हुई लेकिन राज्य की जनता ने भाजपा के मंसूबों पर पानी फेर दिया सांप्रदायिकता और धर्मातरण के मुद्दों पर 15 निकाय चुनाव में गई थी। भाजपा को जनता ने नकार दिया अब भाजपा अपने नेताओं के खिलाफ हुई कानूनी कार्यवाही पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश में लगी है। लेकिन जनता देख रही उनके नेताओं ने वैमनस्यता फैलाने का अपराध किया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *