भूपेश सरकार में गांवों को मिलता है 24 घण्टा बिजली, रमन सरकार के दौरान रहता था ब्लैक आउट – धनंजय सिंह

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों को 18 घंटा और घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटा बिजली दे रही है

रायपुर –  प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार बनने के बाद पूर्व के रमन सरकार के दौरान के महंगी बिजली बिल, बिजली कटौती और ब्लैकआउट जैसी समस्याओं से छत्तीसगढ़ को मुक्ति मिला है। देश में सबसे सस्ती और मांग के अनुसार बिजली देने वाला इकलौता राज्य छत्तीसगढ़ है। अभी छत्तीसगढ़ के 40 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ की सुविधा मिल रहा है। 5 लाख से अधिक किसानों को सिंचाई पंप चलाने निःशुल्क बिजली दी जा रही है। छत्तीसगढ़ में किसानों को पंप चलाने 18 घंटा एवं घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली सप्लाई हो रही है। जबकि देश के अन्य राज्यों में किसानों को 8 से 10 घण्टा ही बिजली की आपूर्ति की जा रही है, आंधी-तूफान, बारिश का मौसम होने से बिजली सप्लाई में तकनीकी ख़ामी आने पर भी खराब फीडर के मरम्मत करते तक दूसरे फीडर से क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति की जाती है। देश में जहां कोयला संकट के चलते अन्य राज्यों में बिजली की भारी संकट थी, बिजली बंद होने की समस्या उत्पन्न हो गई थी, छत्तीसगढ़ कोयला संकट में भी अपने राज्य के उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने में सफलता अर्जित की है। 2019-20 में जहां 4782 मेगावाट बिजली की खपत होती थी। 2020-21 में 5057 मेगावाट की बिजली की आपूर्ति की गई है इससे स्पष्ट समझ में आ रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई घटी नही बल्कि बढ़ी है। वर्ष विद्युत की आपूर्ति (कृषि पंप फीडरों को छोड़कर) औसतन 23 घंटे 25 मिनट रही जो कि राष्ट्रीय औसत 22 घंटे 45 मिनट से काफी बेहतर है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व के रमन सरकार के कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के चलते छत्तीसगढ़ स्टेट इलेक्ट्रिक बोर्ड हमेशा घाटे में रहता था, लाइन लॉस की भारी समस्या थी, मेन पावर की कमी थी, रमन सरकार के दौरान गुणवत्ताहीन ट्रांसफार्मर, मीटर अन्य विद्युत यन्त्र की खरीदी की गई थी जिसके चलते उस समय आये दिन बिजली गुल की समस्या उतपन्न होती रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पूरे प्रदेश में बिजली सब-स्टेशनों में ओवर लोडिंग की समस्या को खत्म करने 115 विद्युत पावर ट्रांसफार्मर के अतिरिक्त स्थापना कर ग्रामीण क्षेत्रों में ओवरलोडिंग की समस्या को खत्म किया है जो कई सालों से समस्या थी। 583 फिडरों में मीटर लगा कर बिजली बंद होने पर नजर रखी जा रही है। गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति बनाये रखने के लिये मेनपॉवर बढ़ाये जा रहे है। 300 कनिष्ठ अभियंता एवं 3000 लाईन परिचारक की भर्ती की प्रक्रिया पूर्णतः की ओर है।

 

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