अनिल जैन के बयान पर कांग्रेस का पलटवार 

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  1. अनिल जैन का आचरण भाजपा के फासीवादी गैर लोकतांत्रिक चरित्र के अनुरूप …..
रायपुर — भाजपा प्रदेश प्रभारी अनिल जैन के संवाददाताओं के साथ व्यवहार की कड़ी निंदा करते हुये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एंव संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होता है। मीडिया ही राजनैतिक दलों की बातों गतिविधियों और कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाता है। सवाल पूछना पत्रकारों का अधिकार और कर्तव्य दोनों है। सवालों से असहमति भी हो सकती है उसका जवाब देना, नहीं देना यह भी पूछे जाने व्यक्ति पर निर्भर करता है लेकिन सवाल के जवाब में अभद्रता और अमर्यादित आचरण सर्वथा अस्वीकार्य है और निन्दनीय है। अनिल जैन का व्यवहार भाजपा के घमंड और बौखलाहट का जीता-जागता सबूत है। छत्तीगसढ़ में विधानसभा चुनावों के बाद लोकसभा चुनाव में भी भाजपा नेताओं की अपनी हार स्पष्ट दिखाई दे रही है। इसी बौखलाहट में भाजपा के नेता प्रेस के गलत व्यवहार करने पर उतर आये है। भाजपा नेताओं के स्तर में आई इस गिरावट का प्रमुख कारण भाजपा का अंर्तकलह और अंदरूनी लड़ाई है। 
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एंव संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राजधानी रायपुर की प्रेस जगत को बहुत गौरवशाली पंरपरा रही है और भाजपा प्रभारी अनिल जैन ने इस गौरवशाली परंपरा को नुकसान पहुंचाया है। दुर्ग से भी भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा पत्रकारों से दुर्व्यवहार के समाचार मिले है। रायपुर और दुर्ग में जिस तरह का दुर्व्यवहार कर रहे है, गलत अलोकतांत्रिक और अशोभनीय है। भाजपा के नेता दरअसल हार की खीज निकाल रहे है। भाजपा की हार के लिये भाजपा नेतृत्व के गलत काम भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, वादाखिलाफी जिम्मेदार है। पत्रकार भाजपा की हार के कारण नहीं है। पत्रकार सिर्फ पत्रकार होते हैं किसी राजनीतिक दल से उनका कोई सरोकार नहीं होता। 
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एंव संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा आगामी चुनाव में हारने जा रही और तो उसका सबसे बड़ा कारण अर्थव्यवस्था की बदइंतजामी है। विकास के नाम पर मोदी जी को वोट देने वाले आज ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। न विकास हुआ न किसान की आमदनी बढ़ी न रोजगार मिला, उल्टे मिले नोटबंदी जीएसटी और जुमले पे जुमले भाजपा का पंरपरागत समर्थक माने जाने वाला व्यापारी-उद्यमी- कर्मचारी- मध्यमवर्ग कोई भी तो भाजपा के साथ नहीं है। नोटबंदी और जीएसटी के परिणामस्वरूप छोटे और मध्यम व्यापार चौपट हो चुका है। जहां 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष की बात कही गयी थी उसमें केवल नोटबंदी के चलते लगभग 1.2 करोड़ युवाओं से रोजगार छिन लिया गया। बैंको की हालत बढ़ता विदेशी कर्ज बेराजगारी देखकर अब तो भाजपा कार्यकर्ता भी बगावत पर उतारू है। जिसके चलते इनका मानसिक दीवालियापन उजागर होने लगा है। इसका खामियाजा मोदी सरकार को चुनाव में भुगतना ही पड़ेगा। मौजूदा मोदी सरकार को हराने के लिये तो मोदी सरकार के अपने काम ही पर्याप्त है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एंव संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी इन चुनाव में पराजय का सामना करने जा रही है, यह दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ है। इसमें कोई शक नहीं कि पिछले पांच साल में भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने देश की हर लोकतांत्रिक संस्था को बड़ा धक्का पहुंचाया है और लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बोला। यह भी निर्विवाद है कि पिछले पांच साल में संविधान के सेकुलर ढांचे पर सबसे बड़ा आघात हुआ है। इस सावल पर देशभर के मतदाताओं में समझ और चेतना बने हुयी है। 
भाजपा की बैठक में भिलाई के पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। पत्रकारों के साथ धक्कामुक्की की गयी। भाजपा के जिला अध्यक्ष ने स्वयं बाहर खड़े पत्रकारों को बुलाया। उसके बाद पार्टी के कन्हैया सोनी ने कवरेज करने से मना किया और बाहर निकालते हुये धक्का-मुक्की भी की।
मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा का छत्तीसगढ़ और पूरे देश में सूपड़ा साफ होना तय है और इसी बौखलाहट में भाजपा नेता ऐसा गर्हित आचरण कर रहे है। 

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