केंद्रीय योजनाओं की राशि का आवंटन हो या छत्तीसगढ़ के अन्य मद के पैसे हो केंद्र सरकार जानबूझकर देने में रोड़े अटकाती है – धनंजय सिंह
मोदी सरकार षड्यंत्र कर छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से कमजोर करने में लगी
रायपुर/03 मार्च 2022 – छत्तीसगढ़ से सेंट्रल पूल में लिए गये चावल के एवज में केंद्र से राशि नहीं मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए हमेशा साजिश रचती है। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के हिस्से की जीएसटी की राशि या जीएसटी की क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान कभी सही समय पर नही किया, छत्तीसगढ़ को मिलने वाली केंद्रीय योजनाओं के राशि का आवंटन देने में भी भेदभाव करती है। छत्तीसगढ़ को मांग के अनुसार बारदाना, रसायनिक उर्वरकों, कोयला की आपूर्ति नही की जाती। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में बाधा उत्पन्न करने सेंट्रल पूल में उसना चावल लेने में मनाही कर दी गई है। मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के विकास को रोकने रोड़ा अटकाने का काम करती है। सेंट्रल पूल में अब तक 13 लाख 80 हजार मैट्रिक टन चावल जमा करा दिया है लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक कोई भुगतान नहीं किया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा के सांसदों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ मोदी सरकार जब भी भेदभाव करती है सौतेला व्यवहार करती है तब भाजपा के सांसद मौन रहते हैं और मोदी सरकार के भेदभाव का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के सांसद बताएं कि वह कब छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधि होने का दायित्व का निर्वहन करेंगे। मोदी सरकार के सामने छत्तीसगढ़ के विषयों को रखेंगे और छत्तीसगढ़ के साथ किए जा रहे भेदभाव का विरोध करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के रवैए से स्पष्ट समझ आता है कि वह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार को किसानों के हित में काम करने नहीं देना चाहती और छत्तीसगढ़ के किसानों को कमजोर करना चाहती है। धान की कीमत 2500 रुपए प्रति क्विंटल दिया गया तब केंद्र सरकार ने सेंट्रल पूल में चावल लेने से मना कर दिया। इसके अलावा हर बार धान खरीदी के समय केंद्र सरकार बारदाने का कृत्रिम संकट पैदा करती है। इस बार धान कटाई से ठीक पहले षड्यंत्रकारी केंद्र सरकार ने, छत्तीसगढ़ में उसना चावल प्रचुर मात्रा में होता है यह जानते हुए भी उसना चावल सेंट्रल पूल में लेने से मना कर दिया और केवल अरवा चावल लेने की शर्त रख दी। प्रदेश में कस्टम मिलिंग का काम बेहद तेजी से करवाया गया और सेंट्रल पूल के लिए एफसीआई में चावल जमा करवाना शुरू कर दिया गया। अब फिर से मोदी सरकार एक नया दांव खेल रही है। अपना हर षड्यंत्र निष्प्रभावी होता देख इस बार मोदी सरकार ने जमा किए हुए चावल का भुगतान ही रोक दिया है।