महिलाओं के मान-सम्मान से है हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की पहचान: मुख्यमंत्री बघेल

0

मुख्यमंत्री ने ‘छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर की बात

पोस्ट ग्रेजुएट तक निःशुल्क शिक्षा के साथ सरकारी पदों में भर्ती के लिए महिलाओं को 30 प्रतिशत का आरक्षण

कौशल्या मातृत्व योजना: दूसरी बेटी के भी जन्म पर 5000 रूपए की राशि

छत्तीसगढ़ की बेटिया सफलताओं का परचम लहरा रही हैं

छत्तीसगढ़ में धरती, प्रकृति, परंपरा के साथ नारी का हो रहा पूरा सम्मान

रायपुर, 13 मार्च 2022 — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से आज प्रसारित रेडियोवार्ता लोकवाणी की 27वीं कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं के मान सम्मान से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है।उन्होंने कहा कि नारी का सम्मान करने वाला समाज ही संस्कारी समाज होता है।
ग्राम पंचायत सुंदरकेरा में आज मुख्यमंत्री की ‘लोक-वाणी’ कार्यक्रम को सुनने के लिए ग्राम वासियों ने बड़ चढ़ कर भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ग्राम पंचायत सरपंच श्री मति किरण चंद्रहास साहू, उपसरपंच श्री भुनेश्वर साहू, सचिव श्री शोभा राम साहू, पंच श्री चंद्रहास साहू, श्री मती भीरू साहू, श्री मती धनेश्वरी साहू, युवा मितान क्लब से श्री ओम प्रकाश साहू, ग्रामीण श्री हरि राम साहू, अनिल कुमार साहू, श्री चंद्रहास साहू,श्री खेवन टंडन रोजगार सहायक एवं बड़ी ग्राम वासी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम के दौरान ग्राम तूता रायपुर की विद्या मार्कण्डेय से बात की।उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि ‘नवा छत्तीसगढ़‘ हमारी बेटियों की सफलता की कहानियों से गढ़ा जाएगा। मैं वचन देता हूं कि हम आप लोगों के लिए नई सुविधाएं और अवसर जुटाने की दिशा में लगातार प्रयास करते रहेंगे। छत्तीसगढ़ की बेटियां अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी हैं। अब उन्हें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।शिक्षा से रोजगार तक, गांवों से शहरों तक, सरकारी नौकरी से लेकर स्वरोजगार तक, हर जगह हमने बेटियों की तरक्की के रास्ते खोल दिए हैं। छत्तीसगढ़ में महिलाओं को भरपूर सम्मान दिया जा रहा है।यहां की परंपरा, पर्व-त्यौहार, संस्कृति के विभिन्न रंगों में, अपने संसाधनों के प्रति आदर भाव में, अपने स्वाभिमान और अस्मिता के स्वभाव में, जो अपनी जननी के प्रति आस्था और श्रद्धा रही है, वही आस्था अपनी धरती के प्रति भी रही है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ऐसे कई नीतिगत इंतजाम किए हैं, जिसमें महिलाओं को अचल संपत्ति पर अधिकार मिले। अचल संपत्ति का पंजीयन महिलाओं के नाम पर कराए जाने पर स्टाम्प शुल्क में 1 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान किया गया है, जिसके कारण एक वर्ष में 50 हजार से अधिक पंजीयन हुए और 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट उन्हें मिली। सरकारी पदों में भर्ती के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा महिलाओं को दी गई है।प्रदेश के 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित किए जा रहे हैं। महिला हेल्पलाईन 181 का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश के किसी भी कोने से इस टोल फ्री नंबर 181 पर फोन करके कोई भी महिला सहायता प्राप्त कर सकती है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बेटियां शिक्षा से लेकर स्वावलंबन तक किस तरह से सरकार की योजनाओं से जुड़ना चाहती हैं, यह बिल्कुल निजी तौर पर समझने का विषय है। सभी की आवश्यकताएं अपने परिवार की परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग होती हैं। यदि कोई बेटी छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़कर स्वरोजगार करना चाहे तो बिहान योजना है।इन सब कार्यों में महिलाओं की बहुत बड़ी भागीदारी है।इस भागीदारी को और आगे बढ़ाने के लिए हम सी-मार्ट की स्थापना हर शहर में कर रहे हैं।छत्तीसगढ़ राज्य में हमने महिलाओं को बेहतर काम के अवसर भी दिए हैं, जिसमें वे सुपरवाइजरी काम भी कर रही हैं, जिन्हें महिला मेट या इंजीनियर दीदी के नाम से पहचाना जा रहा है। इस तरह नौकरी के अलावा अन्य तरह के रोजगार और स्वरोजगार के दरवाजे महिलाओं के लिए खोले गए हैं।छत्तीसगढ़ में बेटियों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सरकारी नौकरी में बेटियों के लिए 30 प्रतिशत पद आरक्षित है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बेटियों के लिए किसी भी चुनौती का सामना करना कोई बड़ी बात नहीं है। वे अपनी परिस्थिति के अनुसार पहला कदम बढ़ा सकती है और आगे चलकर मनचाही उपलब्धि भी हासिल कर सकती है।हमारी बेटियां विभिन्न खेलों में अपने प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम में शामिल हुई हैं। हमारी बेटियों ने अपनी टीमों में कप्तानी का अवसर भी पाया है। हमारी बेटियां आईएएस, आईपीएस जैसी बड़ी परीक्षाओं में पास होकर प्रशासन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
‘कौशल्या मातृत्व योजना’ हमारे प्रदेश की अभिनव योजना है। पूर्व में प्रथम बेटी के जन्म पर प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था। लेकिन दूसरी बेटी होने पर कोई आर्थिक मदद नहीं की जाती थी। हमने इस कमी को पहचाना और समाधान के लिए ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ बनाई, जिसमें दूसरी बेटी के जन्म पर भी 5 हजार रुपए की एकमुश्त आर्थिक सहायता का प्रावधान है।निर्माण कार्यों में संलग्न पंजीकृत श्रमिक परिवारों के लिए भी एक विशेष योजना शुरू की है। इस ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ के तहत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण योजना में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *