‘कनिष्ठ चयन बोर्ड’ युवाओं के रोजगार का बड़ा माध्यम बनेगा — शैलेश नितिन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लिये गये फैसले बस्तर के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे – कांग्रेस
जन्म के साथ जाति प्रमाण पत्र बनने से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की मजबूरी से निजात मिलेगी
रायपुर — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बस्तर दौरे में तथा बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में लिये गये फैसलों का कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलतापूर्वक ऐतिहासिक फैसले लेकर बस्तर के लोगों को बड़ी राहत पहुंचाई है। बस्तर में बच्चे के जन्म के समय जन्म प्रमाण पत्र के साथ ही जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आदेश देकर अंचल के लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की मजबूरी से निजात दिला दी। इसके साथ ही इंद्रवाती नदी प्राधिकरण आदिवासी संग्रहालय, युवाओं के रोजगार के लिये कनिष्ठ चयन बोर्ड के गठन का निर्णय बस्तर क्षेत्र के विकास और बस्तर के लोगों के जीवन स्तर में उन्नति के लिये मील का पत्थर साबित होंगे। बस्तर की जीवनदायिनी नदी इन्द्रावती नदी है। उसके लिए इन्द्रावती प्राधिकरण की घोषणा की है। उड़ीसा सरकार के साथ जो बातचीत करनी है और कानूनी प्रक्रिया है वो अलग चलती रहेगी लेकिन इन्द्रावती के लिए प्राधिकरण बनाया जाएगा। बैंक लोन मामले में जो भी गड़बड़ी हुई है और आदिवासियों के साथ छल किया गया है उसे गंभीरता से लिया जाएगा इस मामले में बारीकी से छानबीन करके जो भी दोषी लोग है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। सीएम भूपेश ने जाति प्रमाणपत्र मामले में कहा कि अनुसूचित जाति, जन जाति और पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र के लिए भटकते रहते है इस पर फैसला लिया गया है कि यदि किसी के पास जाति प्रमाण पत्र है तो बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र के साथ-साथ ही जाति प्रमाणपत्र बनाया जाएगा और अगले 3 महीने में इसका सरलीकरण कर दिया जाएगा। वही उन्होंने बस्तर की जनता और जवानों को नई सौगात उन्होंने कहा कि बस्तर में आदिवासियों के लिए संग्रहालय बनाया जाएगा और नौजवानों के लिए कनिष्ठ चयन बोर्ड का गठन किया जाएगा। जिससे यहाँ के छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने आउटसोर्सिंग मामले में कहा कि प्रदेश में आउटसोर्सिंग किया जा रहा था उसे बंद किया जाएगा। जो शिक्षक विद्या मितान में भर्ती हुए थे उसे अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छडक्ब् मुख्यालय को हैदराबाद से जगदलपुर लाने के लिए भारत सरकार के समक्ष आवश्यक पहल करने की बात बस्तर प्राधिकरण की बैठक में कही।