मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के विश्वास विकास और सुरक्षा के नीति के चलते नक्सलवादी घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी आई – धनंजय सिंह
पूर्व रमन सरकार के दौरान दक्षिण बस्तर के 3 विकासखंड तक सीमित नक्सलवाद 14 जिलों तक फैला था
रायपुर/30 मार्च 2022 — केंद्र सरकार के जारी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में नक्सलवादी घटनाओं में लगभग 80 प्रतिशत की कमी आने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने विश्वास विकास और सुरक्षा के नीति के तहत काम किया जा रहा है इसका ही परिणाम है कि बीते 3 साल के कार्यकाल में केंद्र सरकार के जारी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाओं में लगभग 80 प्रतिशत की कमी आयी है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता को अब विश्वास हो रहा है कि राज्य में जो सरकार है वह उनकी सरकार है वह उनके शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार उनके कानूनी अधिकार उनके जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए काम कर रही है उनके बच्चों के उज्जवल भविष्य बनाने काम कर रही है और सरकार हर मोर्चे पर उनके साथ खड़ी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व रमन सरकार के दौरान दक्षिण बस्तर के 3 विकासखंड तक सीमित नक्सलवाद 14 जिलों तक पनपा है रमन सिंह का गृह जिला कवर्धा भी नक्सलवाद के चपेट में आ गया था। बढ़ते नक्सल मामले के लिए पूर्ववर्ती रमन सरकार की लापरवाही ढुलमुल नीति, कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की काली कमाई की लोलुप्तता जिम्मेदार रही है। पूर्व की रमन सरकार बस्तर के आदिवासी वर्ग का विश्वास जीतने के बजाये उनकी जल जंगल जमीन पर कब्जा करने के फिराक में आदिवासी वर्ग को मिले क़ानूनी अधिकारों का हनन करते रही। उस दौरान फर्जी मुठभेड़ की अनेक घटनाये हुई। एड्समेटा कांड, सारखे गुड़ा कांड, ताडमेटला कांड, मदनवाड़ा कांड, झीरम घाटी कांड, मीना खलखो कांड सहित अनेक घटनाएं हुई जिसके लिए पूर्व की रमन सरकार जिम्मेदार रही है निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल में बंद किया गया था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की सरकार ने रमन सरकार के दौरान छीनी गई 1700 आदिवासी परिवार की 4200 एकड़ जमीन को लौट आया है। जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को जेल से रिहाई की है, तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 रु. प्रति बोरा से बढ़ाकर 4000रु प्रति बोरा किया। 61 वनोपज के समर्थन मूल्य में खरीदी की जा रही है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान चलाया जा रहा है। बस्तर में बंद सरकारी स्कूलों को खोला जा रहा है, बस्तर विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण, सरगुजा विकास प्राधिकरण का गठन कर आदिवासी वर्ग के जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी दि गई हैं और भी अनेक योजनाएं बनाकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता के जीवन स्तर में सुधार ला रहे हैं इसके चलते नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता का विश्वास और सुरक्षा में लगे जवानों के हौसलों के आगे नक्सली पस्त हुए अब आत्मसमर्पण कर रहे है समाज की मुख्यधारा की ओर लौट रहे है।