‘‘नवा रायपुर’’ का विरोध भाजपा की ‘‘छत्तीसगढ़ी भाषा’’ विरोधी मानसिकता – कांग्रेस
जब अटल बिहारी बाजपेयी का नाम हटा ही नहीं तब उनका अपमान कैसे हो गया?
रायपुर — कांग्रेस सरकार द्वारा नया रायपुर के नाम का नवा रायपुर करने के निर्णय का भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा विरोध किये जाने को कांग्रेस ने भाजपा की छत्तीसगढ़ी भाषा विरोधी मानसिकता बताया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य की नई राजधानी जिसका शिलान्यास यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने किया था, जिसका वर्तमान नाम अटल नगर नया रायपुर है यदि इसे नये स्वरूप में ‘‘अटल नगर नवा रायपुर’’बुलाया जाता है तो इसमें भाजपा को क्यों और कैसी आपत्ति है? नई राजधानी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर यथावत है। सिर्फ नया रायपुर के स्थान पर नवा रायपुर करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ की पहचान और छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति सम्मान का प्रतीक है। भारतीय जनता पार्टी नवा रायपुर का विरोध करके अपने छत्तीसगढ़ी भाषा विरोधी चरित्र को उजागर कर रही है। इस शब्द के मर्म और उसके भावनात्मक पहलू को समझना भाजपा और रमन सिंह के बस की बात नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुद्दाविहीन भाजपा और उसके नेता गलत बयानी करके अपनी बची खुची विश्वसनीयता भी समाप्त कर रहे है। जब नवा रायपुर के पहले स्व. अटल बिहारी बाजपेयी जी का नाम हटाने का कोई निर्णय हुआ ही नहीं है तो इसमें स्व. बाजपेयी के अपमान की बात कैसे कर रहे है? जो लोग अटल बिहारी बाजपेयी की अस्थिकलश के सामने श्रद्धांजली सभा भाजपा दफ्तर में अट्टाहस लगा रहे थे वे लोग झूठी बयानबाजी कर के अपने दिवंगत नेता का खुद अपमान कर रहे है। गलत बयानी करने के लिये और नवा रायपुर के विरोध के लिये भाजपाई प्रदेश की जनता से माफी मांगे।