‘‘जगार-2022’’: पंडरी हाट बाजार में 19 जून तक 10 दिवसीय सजा रहेगा बाजार , हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष कश्यप ने किया शुभारंभ ।
मेले में लगाए गए हैं छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों के 140 स्टॉल
रायपुर / राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ पंडरी हाट बाजार परिसर में आयोजित ‘‘जगार-2022’’ का शुभारंभ आज हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप ने किया। आज से 19 जून तक 10 दिवसीय ‘जगार-2022’ प्रदर्शनी मेला लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहेगा। इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त 12 राज्यों के हस्तशिल्पकारों को अपनी उत्पाद का प्रदर्शन सह विक्रय करने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप ने नवीन शबरी एम्पोरियम एकता मॉल केवड़िया गुजरात का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस मौके पर अध्यक्ष श्री कश्यप ने परिसर में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन करते हुए कलाकारों को बधाई दी और उनका उत्साहवर्धन किया। साथ ही उन्होंने इस दौरान हाट बाजार परिसर में ही बिलासा एम्पोरियम का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालम चक्रधारी वर्चुअल रूप से जुड़े। कार्यक्रम में संचालक ग्रामोद्योग श्री सुधाकर खलखो सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
श्री कश्यप ने जगार मेला का शुभारंभ करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण काल के कारण से यह जगार मेला दो वर्षों बाद लगा है। जगार मेला से शिल्पकारों, बुनकरों और कलाकरों को अपनी कला के बेहतर प्रदर्शन का अवसर मिला है। यह उनके आर्थिक उन्नति में भी मददगार साबित होगा। कोरोना काल के बाद छत्तीसगढ़ में दो वर्ष के अंतराल के बाद हस्तशिल्प कला को समर्पित ‘‘जगार’’ का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि 20 दिसम्बर से 5 जनवरी तक प्रतिवर्ष जगार मेले का आयोजन किया जाएगा। इस जगार मेले में छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के 12 अन्य राज्यों से हस्त शिल्पकार अपने उत्पादों के साथ पहुंचे हैं।
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा आयोजित ‘जगार-2022’ का शुभारंभ शुक्रवार 10 जून से हो गया। इस बार हस्तशिल्प प्रेमियों के लिए कुल 140 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां हस्तशिल्प के विभिन्न उत्पादों के साथ ही हाथकरघा, खादी ग्रामोद्योग, माटी कला के अनेक आकर्षक उत्पादों की प्रदर्शनी बिक्री के लिए लगाई गई है। इन स्टॉलों में से छत्तीसगढ़ के लिए कुल 80 स्टॉल आवंटित किए गए हैं। वहीं मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर के शिल्पकार 60 स्टॉलों में अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
जगार मेला-सह प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प बेलमेटल शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प कालीन शिल्प, शिसल शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प, छिंद कांसा, हाथकरघा वस्त्रों में कोसे की साड़िया, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस मटेरियल, बेडशीट, चादरें एवं विभिन्न प्रकार के रेडीमेंट वस्त्र का प्रदर्शन सह-विक्रय किया जाएगा।
जगार मेला-2022 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ की चिकनकरी, बनारस की बनारसी साड़ी, मध्यप्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी एवं टीकमगढ़ का ब्रांस, पश्चिम बंगाल का जूटवर्क, कांथावर्क एवं बंगाली साड़ियों के अतिरिक्त पंजाब की फूलकारी, राजस्थान की मोजरी व गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार एवं जम्मू-कश्मीर सहित कुल 11 राज्यों की शिल्प कलाओं का संग्रह रहेगा। इस जगार मेला में शिल्पकारों को अपनी उत्कृष्ट शिल्पकला का प्रदर्शन सह-विक्रय करने का अवसर मिलेगा। जगार-2022 में लोग अपने पसंद के अनुरूप घरेलू व सजावटी सामान सस्ते दामों पर खरीद सकेंगे। ‘‘जगार-2022’’ मेले में प्रतिदिन के सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।