मोदी सरकार की अग्निपथ योजना से सेना और युवा दोनों के भविष्य को खतरा – धनंजय सिंह

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भाजपा की केंद्र और राज्य की सरकारें मिलकर युवाओं को धोखा दे रही है

मोदी सरकार युवाओं को रोजगार देने में असफल सेना की जरूरतों को भी नहीं कर पा रही है पूरी

रायपुर / मोदी सरकार के द्वारा सेना में शुरू की गई 4 साल के कॉन्ट्रैक्ट नौकरी के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा सेना भर्ती के लिए बनाई गई अग्निपथ योजना में देश की सेना और युवाओं के भविष्य दोनों के खतरा नजर रहा है। मोदी सरकार के अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर के युवा सड़कों में उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं और सेना के भविष्य को लेकर बुद्धिजीवी वर्ग, रिटायर्ड सैन्य अधिकारी भी चिंतित नजर आ रहे हैं और सरकार की इस योजना की भर्त्सना कर रहे हैं और योजना को तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे हैं ।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार 8 साल में देश के युवाओं को रोजगार देने के वादे को पूरा नहीं कर पाई। दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा कर युवाओं की वोट से सत्ता प्राप्त कर मोदी भाजपा की सरकार सत्ता मिलने के बाद युवाओं के रोजगार को ही खत्म कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अग्निपथ योजना में जिस तरह से युवाओं को 4 साल तक के लिए सेना में कॉन्ट्रैक्ट आधारित नौकरी मिलेगी और 4 साल के बाद मात्र 25 प्रतिशत युवाओं को भारतीय सेना में अवसर मिलेगा 75 प्रतिशत को नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार से अग्निपथ योजना के खिलाफ उठ रही आक्रोश को दबाने के लिए भाजपा शासित राज्य की सरकारें युवाओं को 4 साल के बाद अपने राज्यों में नौकरी देने का आश्वासन दे रही है। ऐसे में उन राज्य सरकारों को तो 4 साल बाद नहीं बल्कि अभी वर्तमान समय में अपने यहां युवाओं को नौकरी देना चाहिए। भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर देश और प्रदेश की युवाओं को धोखा देने का षड्यंत्र कर रहे हैं। देश का युवा रोजगार मांग रहा है और भाजपा की सरकारें उनके साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, मजाक उड़ा रहे हैं। केंद्र सरकार में विभिन्न सरकारी विभागों में अभी 30 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। मोदी सरकार की नीयत यदि वास्तव में युवाओं को रोजगार देने की है तो तत्कालीन 30 लाख पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। जिस के आसार कम नजर आ रहे हैं।

 

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