मां का अपमान करने वालों का मां ही रखेगी ध्यान – शिव दत्ता
रायपुर। छत्तीसगढ़ बंगाली समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव दत्ता ने काली डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म में मां काली के अपमान का कारक बने भारत विरोधी विधर्मियों के पाप का शमन करने की प्रार्थना करते हुए कहा है कि भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा पर आधारित है। हमारी संस्कृति पाप का विनाश और पापी का उद्धार करने में भरोसा रखती है, इसलिए हमारा समाज, हमारी संस्कृति उन पापियों को सद्बुद्धि प्रदान करने की विनती सत्य सनातन धर्म की अधिष्ठात्री देवी से करती है, जिनका अपराध अक्षम्य है। आसुरी शक्तियों का संहार अपरिहार्य होने पर ही जगतजननी ने रौद्र रूप धारण कर सृष्टि को सदजीवन दिया। मां जीवन का आधार है। इस चिरंतन सत्य को अस्वीकार करने वाले यह नहीं जानते कि वे सब इसी माता की संतान हैं। माता के बिना जीवन की उत्पत्ति असंभव है। इस परम सत्य को आसुरी शक्तियां ही उपेक्षित करने की धृष्टता कर सकती हैं और आसुरी शक्तियों का निवारण भी स्पष्ट रूप से सर्वज्ञात है तब भी नराधम मानसिकता का विद्रूप चेहरा आज लीना मनिमेखलाई और उनकी संकीर्ण मानसिकता का समर्थन करने वाली महुआ मोइत्रा व महुआ का समर्थन करने वाले शशि थरूर जैसे राजनीतिज्ञों में झलक रहा है। हिंदुत्व सहिष्णुता का दूसरा नाम है। इसलिए यह सब हो रहा है। इन्हें यह समझ लेना चाहिए कि भारत के संविधान में इनके लिए पर्याप्त व्यवस्था है। ऐसी कुत्सित मानसिकता का भारत की संस्कृति और संविधान में कोई स्थान नहीं है।