मोदी सरकार को गरीबों के राशन खरीदीने के लिये भी बैंकों से कर्ज देने की व्यवस्था करनी चाहिये – धनंजय सिंह
गब्बर सिंह टैक्स से बचने गरीबों को खरीदने होंगे 25 किलो से अधिक चावल, आटा, बेसन, दही, पनीर
गरीब यदि 1 किलो-2 किलो चांवल, आटा, दाल, बेसन और आधा किलो दही खरीदे तो 5 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ेगा
रायपुर/18 जुलाई 2022। केंद्र सरकार के द्वारा 25 किलोग्राम से ऊपर के खाद्य पैकेट को 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे से मुक्त करने को गरीब विरोधी कदम बताते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के गब्बर सिंह टैक्स से बचने के लिये गरीब परिवार को एकमुश्त 25 किलो से अधिक चावल, आटा, दाल, बेसन, दही, पनीर खरीदने होंगे। रोज कमान खाने वाले देहाड़ी मजदूर एकमुश्त राशन खरीदने के लिये इतनी रकम की व्यवस्था कहां से करेंगे? ऐसे में गरीब के पास पैसा नहीं है तो उन्हें कर्ज भी लेना पड़ सकता है। मोदी सरकार को गरीबों के राशन खरीदीने के लिये भी बैंकों से कर्ज देने की व्यवस्था करनी चाहिये। भाजपा बताएं कि 25 किलो से ऊपर के खाद्य सामग्री को 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे से बाहर करने से गरीबों को कैसे राहत मिलेगा? जबकि रोजी मजदूरी करने वाले दिहाड़ी मजदूर रिक्शा चालक ठेला चालक सुबह शाम राशन खरीद कर अपने एवं परिवार का पेट भरते है। गरीब एक मुश्त 25 किलो से ऊपर चांवल, दाल, बेसन दही मिर्च मशाला की खरीदी कैसे खरीदेंगे? और बाजार में 100 ग्राम से लेकर 5 किलो तक के मिर्च मसाला आटा चावल बेसन दही और अन्य खाद्य सामग्री के पैकेट ही मिलते हैं जिस पर मोदी सरकार ने 5 पर्सेंट जीएसटी लगाया है। खुले में मिर्च मसाला और आटा मिलना लगभग बंद हो चुका है बड़ी-बड़ी कंपनियां और छोटे छोटे दुकानदार भी पैकेट वाला समान ही सुविधा पूर्वक बेचते हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार हो रहा है कि देश में बैठी सरकार सुबह-शाम राशन खरीदने वाले से पांच पर्सेंट जीएसटी वसूल रही है अब तक गरीबों के राशन पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाता रहा है। मोदी सरकार की टैक्स प्रेम देश के 85 प्रतिशत घरों के ऊपर विपत्ति बनकर टूटा है महंगाई से पीड़ित जनता के ऊपर कुठाराघात है और हमेशा की तरह ही भाजपा और उनके अनुवांशिक संगठन मोदी सरकार के गरीब विरोधी नीतियों को बेहतर बताने के लिए गुमराह कर रहे हैं भाजपा नेताओं को बताना चाहिए कि देश में ऐसे कितने गरीब है जो एकमुश्त 25 किलो से ऊपर आटा, 25 किलोग्राम से ऊपर बेसन, 25 किलोग्राम से ऊपर एकमुश्त चावल खरीदते है एवं एकमुश्त 25 लीटर से अधिक दही या पनीर खरीदते है? भाजपा के नेता यह भी बताएं क्या दूध और दही के 1 लीटर वाली पैकेट पर 5 पर्सेंट जीएसटी नहीं लगेगा?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता देश के 85 प्रतिशत गरीब जनता को गुमराह करने के लिए खाद्य सामग्रियों पर लगाए गए 5 प्रतिशत जीएसटी के विषय पर धोखा और गुमराह करने वाली बयानबाजी कर रहे हैं सच्चाई यही है कि 25 किलो से ऊपर अनाज की खरीददारी गरीब जनता नहीं कर पाती है। मोदी सरकार एक ओर गरीबों के राशन में 5 प्रतिशत जीएसटी वसूल रही है और दूसरी ओर खुद दावा करती है कि 80 करोड़ लोगों को 5 किलो चावल दे रही है तब वह भरपेट भोजन प्राप्त कर पा रहे हैं।