विधानसभा में नियमितीकरण पर सीएम के जवाब से आक्रोशित प्रगतिशील महासंघ आंदोलन के मूड में।
रायपुर — छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ विगत कई वर्षो से नियमितीकरण हेतु संघर्षरत है। महासंघ ने विगत 2018 में नियमितीकरण हेतु आंदोलन किया तथा महारैली भी निकाली जिसके फलस्वरूप कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारी (संविदा/दै.वे.भो. कर्मचारी) के नियमितीकरण की बात रखी थी तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल तथा जनघोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष टी.एस. बाबा द्वारा सरकार बनने के 10 दिन के भीतर नियमितीकरण करने की घोषणा की गई थी किन्तु आज 4 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी सरकार ने एक समिति का गठन कर महज एक औपचारिकता ही पूरी की है। नियमितीकरण का दूर दूर तक पता नहीं है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायक बृजमोहन अग्रवाल तथा विद्यारतन भसीन द्वारा नियमितीकरण पर पूछे गये तारांकित प्रश्न जिसे नेता प्रतिपक्ष धरमलाल लाल कौशिक व शिवरतन शर्मा तथा अजय चंद्राकर ने जोर-शोर से नियमितीकरण का मुद्दा सदन में उठाया जिस पर मुख्यमंत्रीजी द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया। जिससे प्रदेश के समस्त अनियमित कर्मचारियों में काफी रोष व्याप्त है। इस पर महासंघ ने तत्काल प्रदेश कार्यकारिणी की आपात बैठक आहूत की, उक्त बैठक में बजरंग मिश्रा अध्यक्ष, शाहिद मंसूरी उपाध्यक्ष, राजकुमार कुशवाहा महासचिव, कमलेश सिन्हा संयुक्त सचिव, मानसिंह चौहान प्रवक्ता, धर्मेन्द्र सिंह राजपूत कोषाध्यक्ष, ग्वालाराम यादव, श्याम तिवारी, पंकज चंद्राकर तथा शैलेन्द्र चंद्राकर आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।
उक्त बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि नियमितीकरण पर विधानसभा में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिये गये गोलमोल जवाब से कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री राहुल गांधी को पत्र तथा ट्विटर के माध्यम से अवगत कराने का निर्णय लिया है। साथ ही भविष्य में नियमितीकरण हेतु आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा की गई। महासचिव राजकुमार कुशवाहा ने बताया कि छ.ग. में अनियमित कर्मचारियों को न ही ईपीएफ की सुविधा दी जा रही है न ही उन्हें नियमित करने की कोई ठोस योजना बनाई जा रही है। अपितु अनेक विभागों में अनियमित कर्मचारियों की छंटनी लगातार की जा रही है।
नियमितीकरण हेतु मंत्रालय स्तर पर समिति का गठन कर दिया गया है जिसने केवल एक बैठक कर महज खानापूर्ति ही की गई है। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जुलाई 2019 में सभी विभागों से अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई थी किन्तु 3 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी आज पर्यन्त कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
महासंघ ने आगामी दिनों में समस्त जिला अध्यक्षों को बुलाकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने की कार्यवाही प्रारंभ की जायेगी तथा शीघ्र ही जमीनी स्तर पर नियमितीकरण की लड़ाई आक्रामक तरीके से की जायेगी।