प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी ने देश को मजबूत और सुदृढ़ बनाया – मोहन मरकाम
जयंती पर कांग्रेसजनों ने राजीव गांधी का पुण्य स्मरण किया
रायपुर/20 अगस्त 2022। देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गांधी की जयंती के दिन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कांग्रेसजनों को एकता अखंडता की शपथ दिलवाया। शपथ लिया गया कि मैं प्रतिज्ञा करता/करती हूं कि मैं जाति, संप्रदाय, क्षेत्र, धर्म अथवा भाषा का भेदभाव किए बिना सभी भारतवासियों के भावनात्मक एकता और सद्भावना के लिये कार्य करूंगा/करूंगी। मैं पुनः प्रतिज्ञा करता/करती हूं कि मैं हिंसा का सहारा लिए बिना सभी प्रकार के मतभेद, बातचीत और संवैधानिक माध्यमों से सुलझाउंगा/सुलझाउंगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि राजीव गांधी का पूरा जीवन देश के लिये आदर्श था। सूचना और संचार क्रांति के जनक थे राजीव गांधी। उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में महान योगदान दिया था। स्व. राजीव गांधी ने देश की एकता अखंडता के लिये अपने प्राणों की आहूति दिया। पूरा देश आज उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि दे रहा है। प्रधानमंत्री के रूप में देश सेवा करने के लिए उन्हें एक कार्यकाल मिला, जिसे अनेकों ऐतिहासिक और दूरगामी उपलब्धियों के लिए याद किया जाएगा, उनमें से 6 उपलब्धियां ख़ास तौर से उनके व्यक्तित्व, प्रतिबद्धता तथा नेतृत्व कौशल को दर्शाती हैं।
पहला – उन्होंने सूचना क्रांति की बुनियाद रखी, जिसने भारत को पूरी तरह से बदल दिया। उन्होंने देश को कंप्यूटर, दूरसंचार और सॉफ्टवेयर विकास के युग में प्रवेश कराया। उन्होंने सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए टेक्नोलॉजी मिशन की शुरुआत की, जिससे अनेक फायदे हुए, उदाहरण के लिए भारत वैक्सीन उत्पादन में दुनिया का अग्रणी देश बना और हम पोलियो से मुक्त हुए।
दूसरा – उन्होंने पंचायतों और नगर पालिकाओं को महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के साथ संवैधानिक दर्जा दिलाने का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया, जो स्वशासन के प्रभावी संस्थाओं के रूप में उभरे। इन संस्थाओं के लिए चुनी गई 14 लाख महिलाएं उनके दृढ़ संकल्प का सम्मान है।
तीसरा – उन्होंने असम, पंजाब, मिजोरम और दार्जिलिंग जैसे देश के अशांत क्षेत्रों में शांति बहाल करने एवं इन्हें विकास के रास्ते पर वापस लाने के लिए कई समझौते किए।
चौथा – उन्होंने 18 साल के युवाओं को वोट का अधिकार दिया, युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए देश के हर जिले में नवोदय विद्यालयों का नेटवर्क तैयार किया एवं स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया।
पांचवा – गंगा की सफाई के लिए उन्होंने ’गंगा कार्य योजना’ तथा बंजर भूमि के वनीकरण के लिए ’राष्ट्रीय बंजर भूमि विकास बोर्ड’ की स्थापना की। पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्होंने एक व्यापक कानून बनाया। इसके साथ ही, उदारीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई, कांग्रेस के घोषणापत्र पर उनकी छाप थी, जिसने 1991 के आर्थिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त किया।
छठा – उन्होंने चीन और पाकिस्तान के साथ हमारे लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को हल करने के लिए महत्वपूर्ण पहल की तथा संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक एवं पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए एक कार्य योजना प्रस्तुत की।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के इस वीर सपूत को सलाम करती है और अपने आप को उन आदर्शों, सिद्धांतों, मूल्यों और मुद्दों के प्रति समर्पित करती है, जिनका उन्होंने जीवनपर्यन्त पालन, समर्थन और आचरण किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, प्रभारी महामंत्री संगठन अमरजीत चावला, प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला, पंकज शर्मा, प्रवक्ता विकास तिवारी, शिव सिंह ठाकुर, अजय साहू, सेवादल मुख्यसंगठक अरूण ताम्रकार, कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष हसन खान, मेहमूद अली, मछुआ कांग्रेस अध्यक्ष एमआर निषाद, कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, उधोराम वर्मा, दौलत रोहड़ा, अमर परचानी, प्रदेश सचिव राजेश चौबे, अभिषेक शुक्ला, रविन्द्र शुक्ला, नंद कुमार पटेल, माधव साहू, शीत श्रीवास, शब्बीर खान, दिलीप सिंह चौहान, रेहान खान, शशि भूषण गौतम, रवि शर्मा, अनिल रायचुरा, सतीश जग्गी, नवीन श्रीवास्तव, जागेन्द्र पांडेय, शायरा खान, हरिशंकर बांसपार, राजेश पांडेय, संजीव गौतम, सिलास चरण, मोहित धृतलहरे, डॉ. अन्नू राम, दिवाकर साहू, नवीन चंद्राकर, संदीप बारले, मनोज पाल, संजीव कुमार, एस पप्पू बघेल, सुंदरलाल जोगी, सूरज निर्मलकर, चंद्रवती साहू, साक्षी सिरमौर, निवेदिता चटर्जी, पूजा देवांगन, डॉ. करूणा कुर्रे, रहमत खान, रवि ग्वलानी, श्रीनिवास, पुष्पराज उपस्थित थे।