बिजली कटौती के भाजपा के झूठे प्रचार की पोल आंकड़ों ने खोल कर रख दी — शैलेश नितिन
रायपुर — राज्य में बिजली की स्थिति के आंकड़े जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि बिजली कटौती के भाजपा के झूठे प्रचार की पोल आंकड़ों ने खोल कर रख दी है। भाजपा बिजली की झूठा प्रचार कर रही है जबकि रमन सिंह सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के कारण दुर्दशा का शिकार ऊर्जा विभाग को सुधारने की कांग्रेस सरकार में प्रभावी पहल हो रही है। प्रदेश में बिजली की कटौती बिल्कुल नहीं है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लोड लगभग 20 प्रतिशत बढ़ा है जिसकी पूर्ति शत-प्रतिशत की जा रही है। रेगुलर मेन्टेनेन्स के लिये लाइन बंद होने की भाजपा का पावरकट का गलत नाम देकर प्रचार कर रही है। लोड बढ़ने के साथ ही सिस्टम उन्नयन का कार्य भाजपा सरकार में समय पर न होने के कारण ट्रिपींग बढ़ी, ट्रांसफारमर व कन्डक्टर्स में ख़राबियाँ आईं। तत्काल सुधार कार्य किये जा रहे हैं। बीस अप्रेल के बाद लगातार सूचना प्रकाशित कर लाईन व सिस्टम उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। हर वर्ष के पहले प्री-मानसून मेंटेंनेस किया ही जाता है। आँधी तूफ़ान व बरसात के कारण बिजली सप्लाई प्रभावित होती है जिसे कटौती कह कर भाजपा गलत बयानी करती रही है।
प्रदेश में मेंटेनेंस और ब्रेकडाउन के ताजातरीन आंकड़ों पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत सरप्लस राज्य है। प्रदेश में छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल की सभी बिजली उत्पादक इकाइयां सही ढंग पूरा उत्पादन कर रही है ऐसे में किसी भी बिजली कटौती का सवाल ही नही उठता। बिजली भंडारण करने वाली वस्तु नही है उसका उत्पादन हो रहा है तो वितरण भी तुरंत होता है ऐसे में बिजली कटौती की बाते भाजपा का प्रपोगंडा, झूठा प्रचार और षड्यंत्र है। बिजली बिल आधा होने के कारण जनता को मिल रही राहत को भाजपा पचा नही पा रही है इसी लिए बिजली कटौती के भ्रामक प्रचार और षड्यंत्र कर रही है।
सरगुजा में पिछले साल 165 घंटे बिजली बंद रही, इस साल सिर्फ 73 घंटे बंद रही। पिछले साल की तुलना में इस साल बिजली बंद रहने की घटनायें कम हुई है। ब्रेकडाउन एवं शटडाउन की स्थिति पिछले साल की तुलना में इस बार 21 प्रतिशत कम हुई। बीते वर्ष जनवरी से मई (पांच माह) के तुलना में चालू वर्ष के जनवरी से मई 2019 के बीच हुये ब्रेकडाउन, शटडाउन आधे से भी कम है।
सघन वनों से घिरे क्षेत्र अंबिकापुर, बलरामपुर, पत्थलगांव, सूरजपुर, मनेन्द्रगढ़ एवं जशपुर विद्युत संभाग में पिछले 33 केवी लाईनों में 52 ब्रेकडाउन हुए थे, जिससे कुल 165 घंटे बिजली बंद रही। जबकि इस वर्ष केवल 23 ब्रेकडाउन हुए और मात्र 73 घंटे बिजली बंद रही। इसी तरह केवी फीडर की विद्युत लाईनों के रखरखाव के लिये गत वर्ष जहां 32 बार शटडाउन लिये गये, वहीं इस वर्ष केवल 24 बार शटडाउन लिये गये।
बिजली बंद होने में पिछले साल की तुलना में 34 फीसदी कमी दर्ज की गयी है। 11 केवी फीडरों में भी न्यूनतम ब्रेकडाउन-शटडाउन का रिकार्ड दर्ज किया गया, जिससे बिजली बंद रहने की अवधि में 29 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
वन अधिकार कानून के हितग्राहियों के हित में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सराहनीय पहल
पूरे राज्य में और खासकर वन क्षेत्रों में हो रहा है व्यापक स्वागत
कांग्रेस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर वन अधिकार कानून के हितग्राहियों को मदद पहुंचाने की पहल का कांग्रेस ने स्वागत किया है। पूरे राज्य में और खासकर वन क्षेत्रों में वन अधिकार कानून के हितग्राहियों के हित में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सराहनीय पहल का व्यापक स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अब कांग्रेस सरकार में बस्तर सरगुजा के विकास प्राधिकरण बनाने की दिखावा मात्र नहीं होगा बल्कि जंगल में रहने वालों के अधिकारों हकों और हितों की लड़ाई लड़ी जायेगी। बस्तर, सरगुजा विकास प्राधिकरणों को कांग्रेस सरकार ने न केवल मजबूत बनाया है, बल्कि इनकी कमान भी बस्तर सरगुजा के माटी पुत्रों के हाथ में सौंपी है। जंगलों में रहने वाले जिन लोगों को वन अधिकार पट्टा दिया गया है, जो कि पट्टे की भूमि पर खेती कर रहे है। गरीबी रेखा के नीचे है, तथा योजना से लाभ प्राप्त करने हेतु प्रथम प्राथमिकता रखते है, उनको भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसान सम्मान निधी की पात्रता प्रदान करने के लिये केन्द्र सरकार को गया है। वन अधिकार के हितग्राहियों की किसान सम्मान निधि के 6000 रू. का लाभ देने और राशि 6000 की जगह 12000 हजार देने का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष सार्थक पहल की है।
वन अधिकार अधिनियम के लाभार्थियों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 4 लाख परिवारों को “वन अधिकार अधिनियम” अंतर्गत पट्टे प्रदान किये गये है तथा अभी भी पट्टे दिये जाने की कार्यवाही जारी है। केन्द्र सरकार की “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” योजना प्रति किसान परिवार को 6000 प्रतिवर्ष की आर्थिक सहायता दिये जाने के प्रावधान है। इस योजना के हितग्राहियों में “वन अधिकार अधिनियम” अंतर्गत प्राप्त पट्टेधारियों को शामिल नहीं किया गया है, जो कि पट्टे की भूमि पर खेती कर रहे है, गरीबी रेखा के नीचे है, तथा इस योजना से लाभ प्राप्त करने हेतु प्रथम प्राथमिकता रखते है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि “वन अधिकार अधिनियम” अंतर्गत प्राप्त पट्टाधारी कृषकों की कमजोर सामाजिक-आर्थिक दशा को दृष्टिगत रखते हुये उन्हें “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” योजना का लाभ दिया जाये और 6000 रू. प्रतिवर्ष के स्थान पर 12,000 रू. प्रतिवर्ष प्रदान किये जाये। साथ ही कहा है कि देश के करोड़ो जंगल में रहने वालों के हितों को देखते हुये पट्टाधारी कृषकों को योजना के आरंभ दिनांक से लाभान्वित करने हेतु संबंधित विभाग को समुचित निर्देश शीघ्र दिये जाये।