कर्जमाफी जैसी योजनाओं का पर्याप्त प्रचारप्रसार नही करपाने का लोकसभा में नुकसान के बाद अब CM कव्हरेज को कैमरा तक उपलब्ध नहीं

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जिला जनसंपर्क कार्यलयों में मीडिया फ़ोटो वीडियो उधार मांगकर हो रहा काम…….

रायपुर — भाजपा के 15 साल में रमन सिंह सरकार के जनसंपर्क विभाग ने कंसोल इंडिया जैसे और भी आधा दर्जन कंपनियों के ज़रिए 250 करोड़ के सालाना बजट में विरुद्ध साढ़े चार सौ करोड़ का बिल तो पास करवा लिया , लेकिन उसका नतीजा आज जनसंपर्क विभाग को भोगना पड़ रहा है। इससे नई सरकार के कामकाज की आमजनता तक जानकारी विज्ञापन और खबरों के जरिए पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा कर पाने में जनसंपर्क विभाग पूरी तरह असफल रहा।
जबकि एक वक्त ऐसा था,कि इसी जनसंपर्क विभाग के अधिकारी कभी पांच सितारा होटलों में चाय पीते थे, आज उस विभाग की हालत फकीरों वाली बन गई है, आलम ए है, कि रायपुर,बिलासपुर, अम्बिकापुर, दुर्ग,राजनांदगांव, जगदलपुर और रायगढ़ जैसे बड़े जिलों को छोड़कर जनसंपर्क विभाग के अन्य जिला जनसम्पर्क कार्यालयों के अधिकारी मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में भी फोटो अथवा वीडियोग्राफी के लिए भी फंड उपलब्ध नहीं हो पाने की वजह से स्थानीय प्रेस/मीडिया के दयादृष्टि के मोहताज हो चले हैं। सबसे चौकाने वाली बात ए है कि, पहले के 15 वर्षों की तरह इस दफा भी यह विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है। निश्चित तौर पर रमनराज की मनमानियों और बंदरबांट ने जनसंपर्क विभाग की आर्थिक हालत बीमार करके रख दी है।आज फंड के आभाव में उचित और पर्याप्त मात्रा में सरकारी योजनाओं और नीतियों का सही और पर्याप्त रूप से प्रचार प्रसार नही हो पा रहा है। इसका खामियाजा भूपेश बघेल सरकार और कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनाव की 90 में से 68 सीटें हांसिल कर सरकार बनाने के बाद किसानों की कर्जमाफी, नरवा,गरवा , बाड़ी से जनकल्याणकारी की जानकारी और जागरूकता आमलोगों तक पहुंचाने में कामयाबी नहीं मिली और महज पांच महीने के भीतर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को चुनाव में लोकसभा की 11 में से 9 सीटें गवाँ कर चुकानी पड़ी।

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