मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणाओं पर हुआ त्वरित अमल
दंतेवाड़ा के बुधवार बाजार में मेडिकल टीम द्वारा लोगों का ईलाज शुरू….
स्थानीय लोगों को पौष्टिक आहार प्रदान करने सरपंच, सचिवों और संबंधित विभागीय अधिकारियों की हुई बैठक….
रायपुर — मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के वन क्षेत्रों के लोगों के लिए दो नई योजनाओं की घोषणा कल की थी। जिसके दूसरे दिन ही इन योजनाओं पर अमल शुरू हो गया है। आज दंतेवाड़ा में बुधवार के दिन आयोजित हाट-बाजार में डाॅक्टरों और पैरामेडिकल की टीम पहुंचकर बाजार में आए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधा मुहैया करा रही है।
इसी तरह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वनांचल क्षेत्र के लोगों को पौष्टिक आहार प्रदान करने की घोषणा की थी। जिस पर अमल करते हुए आज यहां दंतेवाड़ा में ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिवों और संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार लोगों को पौष्टिक आहार प्रदान करने और हाट-बाजारों में मोबाईल चिकित्सा सुविधा की दो नई योजनाओं को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बस्तर अंचल से शुरू कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि बस्तर संभाग में कुपोषण का प्रकोप सर्वाधिक है। यह समस्या हमें विरासत में मिली है। हम इस कलंक को मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है। ग्राम पंचायतों एवं महिला समूहों के माध्यम से स्थानीय लोगों की रूचि अनुरूप उन्हें पौष्टिक भोजन प्रतिदिन उपलब्ध कराया जाएगा। एक सप्ताह में कुछ पंचायतों में यह प्रयोग आरंभ किया जा रहा है तथा एक माह में समस्याग्रस्त सभी जिलों में इस पावन कार्य को प्रारंभ कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह वन बाहुल्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार नही होने से लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं नही मिल पा रहीं है। जिसके कारण बस्तर संभाग के सभी जिले स्वास्थ्य सूचकांकों में देश के सर्वाधिक पिछड़े जिलों में शामिल है। बस्तर एवं दंतेवाड़ा जिले में तत्काल प्रयोग के तौर पर हाट-बाजारों के दिन वहां मेडिकल टीम पहुंचकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाए मुहैया कराएगी। इस टीम में चिकित्सा दल, मोबाईल पैथालाॅजी यूनिट, पोर्टेबल एक्स-रे यूनिट तथा सभी आवश्यक दवाएं रहेंगी और यह टीम हाट-बाजारों में पहुंचकर पीड़ितों का उपचार करेंगे। यह व्यवस्था एक माह के भीतर समस्यामूलक जिलों के सभी हाट-बाजारों में शुरू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी है कि इस व्यवस्था से सुदूर एवं दुर्गम स्थानों में रहने वाले लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा और वे स्वस्थ्य जीवन व्यतीत कर सकेंगे।