आरक्षण संशोधन विधेयक पर तत्काल हस्ताक्षर होना चाहिये – कांग्रेस

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भाजपा राजभवन की आड़ में राजनीति कर रही है

रायपुर/10 दिसंबर 2022। सरकार ने सभी संवैधानिक पहलुओं की पड़ताल करके उसका तथ्यात्मक निराकरण करके आरक्षण संशोधन विधेयक बनाया है। जिसे विधानसभा में सर्वसमिति से पारित किया गया। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस पर राज्यपाल को अविलंब हस्ताक्षर करना चाहिये। अनावश्यक विलंब करने से हर वर्ग को नुकसान हो रहा सभी के हित में यह जरूरी है कि राजभवन विधेयक पर तत्काल निर्णय ले। कांग्रेस सरकार ने वर्तमान विधेयक को बनाने के ठोस आधारों का अध्ययन किया है। कांग्रेस ने सर्वसमाज को आरक्षण देने अपना काम पूरी ईमानदारी से करके सभी वर्गो के लिये आरक्षण का प्रावधान किया है। अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति को उनकी जनगणना के आधार पर तथा पिछड़ा वर्ग को क्वांटी फायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगो को भी 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। 72 प्र्रतिशत का आरक्षण सभी वर्गो की आबादी के अनुसार निर्णय लिया है। यह विधेयक यदि कानून का रूप लेगा तो हर वर्ग के लोग संतुष्ट होंगे यदि कोई अदालत में जायेगा तो भी सरकार के पास आरक्षण के पक्ष में तमाम तर्क संगत कारण है जिसका जवाब दिया जायेगा। भविष्य में क्या होगा इस कल्पना का आधार बनाकर विधेयक को कानून बनने से नहीं रोका जाना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नेताओं का जो बयान आ रहा है उससे लग रहा भारतीय जनता पार्टी राजभवन की आड़ में राजनीति कर रही है। आरक्षण संशोधन विधेयक में विलंब भाजपा का साफ षडयंत्र लग रहा है। विधानसभा में पारित होने के बाद विधेयक राजभवन हस्ताक्षर होने गया है। वहां क्यो रूका है? किसके कहने पर रूका है? यह सभी जानते है और समझते है। राजभवन राजनीति का अखाड़ा नहीं बनना चाहिये। यदि लोगो के अधिकारों पर राजनीति होगी तो कांग्रेस चुप नहीं रहेंगी। जनता को हकीकत बतायेंगे। भाजपा को बेनकाब करेंगे। भाजपा की निगाह में यह विधेयक विधि सम्मत नहीं है इसका मतलब 2011 में रमन सिंह ने जो कानून बनाया था जिसमें आरक्षण की सीमा 50 से 58 किया गया था वह भी विधि सम्मत नहीं था। भाजपा को मालूम था उनके द्वारा दिया गया आरक्षण कोर्ट में नहीं टिकेगा। भाजपा ने उस समय लोगो से धोखा किया था। उनकी नीयत सही होती तो आदलत में ननकीराम व मुख्य सचिव की कमेटी की रिपोर्ट को रखते। भाजपा नहीं चाहती लोगो को राहत मिले क्योकिं इससे उसकी राजनीति समाप्त हो जायेगी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आरक्षण विधेयक पारित करते समय ही विधानसभा में आरक्षण विधेयक को सुरक्षा क्वच देने के लिये विधेयक को लोकसभा की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने का संकल्प पारित किया गया है। विधेयक को 9वीं अनुसूची में शामिल करने संकल्प पत्र को केन्द्र सरकार के पास भेज दिया है। ऐसे में राजभवन को बिना संशय के विधेयक पर हस्ताक्षर करें। भाजपा की नीयत साफ है तो अपनी केन्द्र सरकार पर दबाव बनाकर राज्य को 9वीं अनुसूची में शामिल कराये।

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