चिरायु योजना ने संवारा कुमकुम का जीवन

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सफलता की कहानी

 

रायपुर — रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के ग्राम धनसुली निवासी श्री लालचंद जोशी और श्रीमती सोनिया जोशी के घर दूसरे संतान के रूप में जन्मी कुमकुम जोशी के तालु में छेद ने माता-पिता को दुःखी कर दिया था। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कुमकुम का इलाज नही हो पा रहा था। कुमकुम जब 7 माह की थी तो उसके माता पिता उसे पहली बार मुख्यमंत्री बाल संदर्भ शिविर पचेड़ा लाये। शिविर में जब उसका वजन किया गया तो वह मात्र 3.280 किग्रा की थी। बच्ची बहुत कमजोर और कुपोषित थी। जन्म से बच्ची के तालु में छेद होने के कारण बच्ची को मां का दूध नही मिल पाया जिससे उसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हमेशा बनी रही। उसकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे तत्काल जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा भर्ती कराया गया।
जिला अस्पताल एनआरसी में आने के बाद बच्ची के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ और समय-समय पर आयोजित बाल संदर्भ शिविर में बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत आवश्यकतानुरूप मुफ्त दवाईयां उपलब्ध कराई गई। जिससे बच्ची का वजन भी तेजी से बढ़ा और लगभग 8 किलोग्राम तक वजन हो गया। बच्ची गंभीर कुपोषित से सामान्य पोषण स्तर पर आ चुकी थी। बच्ची के तालु का ऑपरेशन करना भी एक चुनौती थी। ऑपरेशन हेतु बच्ची का वजन कम से कम 10 किग्रा होना आवश्यक था। वजन की इस कमी को पूरा करने के लिए बच्ची को पूरक पोषाहार नियमित रूप से दिया जाने लगा जिससे बच्ची का वजन ऑपरेशन करने लायक हो गया। चिरायु टीम के साथ मिलकर रायपुरा के ओम हॉस्पीटल में बच्ची कुमकुम ऑपरेशन के बाद 4 जून 2019 को पूर्ण रूप से स्वस्थ्य होकर अपने घर पहुंच ंगई है|

 

 

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